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अपने हुए बेगाने, परायों ने दिया प्यार: 4 साल में लावारिस मिले 20 नवजात तो 14 बच्चे गए गोद, लंदन-यूएस तक पहुंची बेटियां - dungarpur news

डूंगरपुर में जन्म के बाद नवजात बच्चों को लावारिस छोड़ने के घटनाएं सामने आ रही हैं. वहीं पुलिस और चाइल्ड लाइन के सहयोग से बच्चों को बचाकर उन्हें शिशु गृह में रखा जाता है. जहां से बच्चों को गोद ले लिया जाता है.

abandonment of newborns after birth in Dungarpur, डूंगरपुर में नवजात बच्चों को लावारिस छोड़ा
नवजात बच्चों को लावारिस छोड़ा

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Published : Dec 10, 2019, 11:01 AM IST

डूंगरपुर.आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में जन्म के बाद नवजात बच्चों को लावारिस छोड़ने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. वहीं दूसरी ओर इन नवजात को अपनाने वालों की भी लंबी लाइन लगी है. जिले में साल 2016 से लेकर अब तक पिछले 4 सालों में 20 नवजात लावारिस हालात में मिले. इनमें सबसे ज्यादा नवजात इस साल में अब तक 8 मिल चुके हैं, जिन्हें जन्म देने के बाद मां और परिवार के लोग मरने के लिए झाड़ियों, पत्थरों और कांटो में फेंककर चले गए.

नवजात बच्चों को लावारिस छोड़ा

कहते हैं मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है, यहीं कहावत चरितार्थ हुई. मां मरने के लिए छोड़ गई तो लोगों ने देखा और मासूम नन्हों को गले लगाया. पुलिस और चाइल्ड लाइन के सहयोग से नवजात को पहले अस्पताल और फिर शिशु गृह में आसरा मिला. नवजात की अच्छी देखभाल हुई. इसके बाद देश-विदेश के कई लोगों ने इन मासूम सी जान को गोद लेकर अपना बना लिया.

वर्षवार नवजात बच्चों की संख्या
वर्ष नवजात बच्चें नवजात बच्चियां
2016 2 2
2017 1 1
2018 5 1
2019 (अब तक) 5 3
कुल 13 7

बेटियों से ज्यादा बेटों को छोड़ा...

बेटा जिसे घर का चिराग, पीढ़ी चलाने वाला कहते है, लेकिन डूंगरपुर जिले में नवजात को लावारिस छोड़ने के आंकड़े कुछ और ही बताते है. चार साल में जिले में बेटियों से ज्यादा बेटों को लावारिस हालत में छोड़ा गया है. 20 में से 13 नवजात बच्चे मिले हैं, जबकि केवल 7 नवजात बच्चियों को लावारिस छोड़ दिया गया.

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लंदन, यूएसए और देश के कई हिस्सों से लोगों ने अपनाया...

डूंगरपुर में जहां जन्म के बाद नवजात को मरने के लिए फेंक दिया गया तो वहीं अब इन बच्चों को देश और विदेश के कई दंपत्ति ने अपनाया और अब उन्हें खूब लाड़-दुलार मिल रहा है. वर्ष 2017 में लावारिस मिले एक नवजात को यूएसए के एक दंपत्ति ने गोद लिया है. वहीं वर्ष 2014 में मिले नवजात को लंदन में पनाह मिली.

जिले में चार सालों में मिले 20 में से 14 बच्चों को गोद दे दिया गया है. यह नवजात बच्चे देश के अलग-अलग राज्यो में कई दंपत्तियों को नवजात बच्चों को गोद दिए गए है. इससे जहां नवजात बच्चों को उनके माता-पिता मिले तो वहीं दंपत्ति की सुनी गोद भी भर गई.

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अच्छे परिवारों में गए है बच्चे....

नवजात बच्चों को गोद देने से पहले शिशु एडॉप्शन कमेटी की ओर से गोद लेने वाले दंपत्ति के पूरे रिकॉर्ड को खंगाला जाता है. बच्चों को गोद लेने वाले दंपत्ति इस कोई प्रशासनिक अधिकारी है तो कोई पुलिस अधिकारी. वहीं कोई डॉक्टर तो कोई इंजीनियर और कोई बिजनेसमैन फैमेली है, जिससे कि इन नवजात की अच्छी परवरिश हो रही है.

अवैध संबंधों से पैदा के कारण घटनाएं बढ़ी...

नवजात बच्चों को लावारिस छोड़कर जाने के पीछे के कारणों को तलाशने के प्रयास किया तो पता चला कि कई बातें सामने आई. जिसमे खासकर अवैध संबंधो को लेकर पैदा होने वाले बच्चों को लावारिस छोड़ दिया जाता है. वहीं इसके अलावा अनचाहा बच्चा पैदा होने या फिर बेटी पैदा होने पर भी उन्हें लावारिस छोड़ दिया जाता है. हालांकि इसमें पुलिस में केस दर्ज होने के बाद भी कई बार दंपत्ति सामने नहीं आते है, इसलिए इनका खुलासा भी नहीं हो पाता है.

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