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SPECIAL: फीकी पड़ी सोने की चमक, लॉकडाउन के कारण ज्वेलरी बाजार से रौनक गायब

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान सोने-चांदी के आभूषण की चमक भी फीकी पड़ गई है. शादियों का सीजन पूरी तरह से लॉकडाउन की भेंट चढ़ चुका है, व्यापारियों का कहना है कि ज्वेलरी मार्केट को उबरने में एक साल का समय लग सकता है.

Dungarpur Sarafa Bazar News, Corona epidemic, COVID-19
आभूषणों की चमक फीकी

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Published : Jun 4, 2020, 3:31 PM IST

Updated : Jun 4, 2020, 3:52 PM IST

डूंगरपुर. वैश्विक महामारी कोरोना पूरे विश्व की तस्वीर बदलकर रख दी है. संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया है. लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप रही जिसके चलते आम आदमी से लेकर व्यापारियों तक को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. सोने-चांदी के काम से जुड़े लोग भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं. लॉकडाउन के दौरान सोने-चांदी के आभूषण की चमक भी फीकी पड़ गई है. शादियों का सीजन लॉकडाउन के भेंट चढ़ गया, जिससे ज्वेलरी बाजार पूरी तरह से चौपट हो गया है.

ज्वेलरी कारोबार पर कोरोना का असर

बता दें कि 22 मार्च से प्रदेश में लगे लॉकडाउन के बाद से इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर पूरी तरह से बाजार बंद हो गया और इसकी मार ज्वेलरी बाजार पर भी पड़ी. दो महीने तक ज्वेलरी की दुकानें बंद रही और अब दुकानें खुली तो खरीददार गायब हैं. ऐसे में ज्वेलरी मार्केट भी बुरे दौर से गुजर रहा है.

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सोने-चांदी के गहनों पर लॉकडाउन की ऐसी मार पड़ी की सोने की चमक ही गायब हो गई. इस बार ना शादियां हुई और ना ही गहनों की खरीददारी हुई. सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष नारायणलाल श्रीमाल का कहना है कि मार्च, अप्रैल और मई महीने में शादियों का सीजन रहता है, लेकिन सब कुछ लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया.

ज्वेलरी बाजार से रौनक गायब

श्रीमाल ने बताया कि कुछ लोगों ने शादियों के लिए एडवांस ऑर्डर कर रखे थे, इस कारण उनके जेवरात भी बनाकर तैयार थे. लेकिन, शादियां निरस्त होने के साथ ही लॉकडाउन में वे भी फंस गए और लोग भी जेवरात लेने नहीं आ रहे हैं. उनका कहना है कि इससे उनका पैसा भी फंस गया. नारायण श्रीमाल ने बताया कि दो महीने के लॉकडाउन के बाद अब लोगों के पास आर्थिक संकट आ पड़ा है, जिसके कारण कोई भी ज्वेलरी खरीदने भी नहीं आ रहा है.

25 करोड़ का व्यापार चौपट

डूंगरपुर जिले में सर्राफा की छोटी-बड़ी दुकानें मिलाकर कुल 500 से ज्यादा दुकानें हैं. बता दें कि शादियों के सीजन में करीब 20 से 25 करोड़ रुपए का व्यापार होता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण पूरा व्यापार चौपट हो गया. सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि इससे उबरने में ही अब एक साल का समय लग जाएगा. उनका कहना है कि इससे व्यापारियों को जो नुकसान होगा उसकी भरपाई करना भी मुश्किल है.

सोना के आभूषण

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बता दें कि डूंगरपुर जिले में कई ज्वेलरी व्यापारी ऐसे हैं जो किराए पर दुकान लेकर अपना व्यापार करते हैं. इन दुकानों का किराया 20 से 50 हजार रुपए तक होता है. लॉकडाउन के बाद कुछ दुकानें खुली हैं, लेकिन दुकानदारों की दिनभर में ग्राहकी भी मुश्किल से हो पाती है. इस कारण दुकानदारों के लिए दुकान का किराया निकालना भी मुश्किल हो गया है.

ज्वेलरी बनाने वाले 2500 कारीगर बेरोजगार

डूंगरपुर में ज्वेलरी निर्माण से जुड़े करीब 2500 कारीगर हैं, जिनकी रोजी-रोटी इसी व्यापार से चलती थी. लेकिन 2 महीने से ज्वेलरी मार्केट बंद होने के साथ ही उनका भी कामकाज बंद हो गया. ऐसे में ज्वेलरी निर्माण से जुड़े कारीगरों के सामने अब आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

दुकानों पर नहीं आ रहे खरीददार

10 से 15 प्रतिशत तक बढ़े भाव

लॉकडाउन के बाद सोने-चांदी के भावों में भी जबर्दस्त उछाल आया है. सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि महामारी के बाद वैश्विक अस्थिरता के कारण भावों में बढ़ोतरी हुई है. लॉकडाउन से पहले सोने का भाव 41 हजार रुपए प्रति तोला था, जबकि अभी भाव बढ़कर 46 हजार रुपए प्रति तोला तक पंहुच गया है. इसी तरह चांदी के भाव में भी बढ़ोतरी हुई है. लॉकडाउन से पहले चांदी के भाव 38 से 39 हजार रुपए किलो था, लेकिन अब भाव 45 हजार रुपए हो गया है.

सर्राफा बाजार को सरकार से उम्मीद

लॉकडाउन के कारण ज्वेलरी बाजार सबसे बड़ी मंदी से गुजर रहा है. आर्थिक तंगी से लोग ज्वेलरी खरीदने से भी कतरा रहे हैं, तो वहीं व्यापारियों को टैक्स और अन्य में भी कोई छूट नहीं है. ऐसे में ज्वैलरी बाजार भी सरकार से उम्मीद लगाकर बैठा है कि सरकार उनकी मदद करे.

Last Updated : Jun 4, 2020, 3:52 PM IST

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