डूंगरपुर. वैश्विक महामारी कोरोना पूरे विश्व की तस्वीर बदलकर रख दी है. संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया है. लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप रही जिसके चलते आम आदमी से लेकर व्यापारियों तक को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. सोने-चांदी के काम से जुड़े लोग भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं. लॉकडाउन के दौरान सोने-चांदी के आभूषण की चमक भी फीकी पड़ गई है. शादियों का सीजन लॉकडाउन के भेंट चढ़ गया, जिससे ज्वेलरी बाजार पूरी तरह से चौपट हो गया है.
बता दें कि 22 मार्च से प्रदेश में लगे लॉकडाउन के बाद से इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर पूरी तरह से बाजार बंद हो गया और इसकी मार ज्वेलरी बाजार पर भी पड़ी. दो महीने तक ज्वेलरी की दुकानें बंद रही और अब दुकानें खुली तो खरीददार गायब हैं. ऐसे में ज्वेलरी मार्केट भी बुरे दौर से गुजर रहा है.
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सोने-चांदी के गहनों पर लॉकडाउन की ऐसी मार पड़ी की सोने की चमक ही गायब हो गई. इस बार ना शादियां हुई और ना ही गहनों की खरीददारी हुई. सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष नारायणलाल श्रीमाल का कहना है कि मार्च, अप्रैल और मई महीने में शादियों का सीजन रहता है, लेकिन सब कुछ लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया.
श्रीमाल ने बताया कि कुछ लोगों ने शादियों के लिए एडवांस ऑर्डर कर रखे थे, इस कारण उनके जेवरात भी बनाकर तैयार थे. लेकिन, शादियां निरस्त होने के साथ ही लॉकडाउन में वे भी फंस गए और लोग भी जेवरात लेने नहीं आ रहे हैं. उनका कहना है कि इससे उनका पैसा भी फंस गया. नारायण श्रीमाल ने बताया कि दो महीने के लॉकडाउन के बाद अब लोगों के पास आर्थिक संकट आ पड़ा है, जिसके कारण कोई भी ज्वेलरी खरीदने भी नहीं आ रहा है.
25 करोड़ का व्यापार चौपट
डूंगरपुर जिले में सर्राफा की छोटी-बड़ी दुकानें मिलाकर कुल 500 से ज्यादा दुकानें हैं. बता दें कि शादियों के सीजन में करीब 20 से 25 करोड़ रुपए का व्यापार होता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण पूरा व्यापार चौपट हो गया. सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि इससे उबरने में ही अब एक साल का समय लग जाएगा. उनका कहना है कि इससे व्यापारियों को जो नुकसान होगा उसकी भरपाई करना भी मुश्किल है.