डूंगरपुर.कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण पिछले 2 माह तक गांवों में बंद का असर रहा. दुकानें बंद रही जिस कारण गांवों का व्यापारी वर्ग परेशान रहा. इस दौरान कामगारों को भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ी. लेकिन अब गांवों की व्यवस्था फिर से पटरी पर लौटने लगी है. गांव में कोरोना महामारी से बचाव को लेकर किस तरह के नियमों की पालना हुई है. ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम डूंगरपुर शहर से 16 किलोमीटर दूर दोवड़ा पंयाचत समिति के गांव वस्सी खास पहुंची.
इस पंचायत की कुल आबादी 4052 है. यहां गांव की सड़कें बिल्कुल साफ सुथरी और बाजार खुले हैं. दुकानों में व्यापारी मास्क लगाकर बैठे देखने को मिले साथ ही गांव के लोग भी सावधानियां बरतते हुए देखने को मिले. इस दौरान कुछ लोग ऐसे भी थे, जो मास्क नहीं लगाए थे. जिन्हें व्यापारियों ने टोका और मास्क नहीं होने पर कपड़े का प्रयोग करने के लिए कहा. जिससे संक्रमण का खतरा नहीं हो.
गांव के हनुमान मंदिर से लेकर परशुराम चौक तक लोगों की आवाजाही ज्यादा थी. लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाने के लिए कुछ व्यापारियों ने दुकानों के बाहर गोले भी बनाए थे. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम एक हार्डवेयर के दुकान मालिक के पास पहुंची. जहां व्यापारी महेंद्र पंड्या ने बताया कि दो महीने तक गांव में स्थिति खराब थी. लेकिन अब लॉकडाउन खुला है, तो ग्राहक आ रहे हैं.
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ऐसे में उन्हें उचित दूरी बनाए रखने और मास्क लगाने के लिए कहा जाता है. जिसका पालन गांव वाले खुद भी करते हैं. इसी कड़ी में गांव के एक युवा और पुलिस मित्र योगेश जैन से मुलाकात हुई, तो उन्होंने बताया कि गांव में कोरोना से बचाव को लेकर सभी ने पंचायत के साथ हाथ से हाथ मिलाकर काम किया. गांव में सैनिटाइजेशन, मास्क वितरण, लोगों को राशन पहुंचाने सहित अन्य काम को युवाओं की टीम ने किया है साथ ही हर मोर्चे पर सहयोग दिया है.
इसके अलावा पूर्ण लॉकडाउन के दौरान पुलिस का सहयोग करते हुए गांव के मुख्य मार्ग पर युवाओं की टीम तैनात रही और बाहर से हर आने-जाने वालों पर निगरानी रखी, जिससे गांव सुरक्षित रहे. वार्ड पंच ज्योति गामोट बताती है कि गांव में एक कोरोना पॉजिटिव केस आया था, जो मुंबई से गांव लौटा था. जिसके बाद पूरे गांव में चिकित्सा टीमों के जरिए स्क्रीनिंग और सर्वे का कार्य करवाया गया.