डूंगरपुर. ग्राम पंचायत सरोदा ने प्रशासन, ग्रामीणों और युवाओं की मदद से कोरोना से जंग जीत ली है. सरोदा गांव के लोग कोरोना गाइडलाइन की पालना कर रहे हैं. युवाओं की टीम काढ़ा बांट रही है. मुख्य कार्यकारी अधिकारी डूंगरपुर अंजलि राजोरिया ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में गांव के 82 लोग संक्रमित हो गए थे. जिसके बाद कलक्टर सुरेश ओला के निर्देशन में 'मेरा वार्ड-मेरा गांव-मेरा जिला' कोरोना मुक्त अभियान सघन एवं प्रभावी रूप से चलाया गया.
सरोदा पंचायत ने टीम भावना से कार्य करते हुए कोरोना से जंग जीतने में अभूतपूर्व कार्य किया. विकास अधिकारी सुनील शाह ने बताया कि उपखण्ड क्षेत्र सागवाड़ा के अन्तर्गत स्थित ग्राम पंचायत सरोदा पंचायत समिति मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर स्थित है. जिला मुख्यालय से दूरी 60 किलोमीटर है. इसमें कुल तीन राजस्व गांव सरोदा, डामोरवाड़ा, केसरपुरा आते हैं. पंचायत की कुल जनसंख्या 5755 है. जिसमे सरोदा मुख्य गांव में 4231 की आबादी है. इसमें महिला 2067 व पुरूष 2164 हैं.
सरोदा पंचायत में अचानक से टूटा कोरोना का कहर
इसके अलावा डामोरवाड़ा में 1075 (महिला 496 एवं पुरूष 579) एवं केसरपुरा में 449 (महिला 220 व पुरूष 229) हैं. ग्राम पंचायत सरोदा में अचानक से बढ़े कोरोना संक्रमण की स्थिति में ग्राम पंचायत और जनप्रतिनिधियों ने अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए पूरे समन्वय के साथ बेहतरीन कार्य किया. परिणाम स्वरूप तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोका जा सका. सरोदा गांव के सरपंच पन्नालाल डोडियार ने बताया कि ग्राम पंचायत सरोदा में एकदम से लगभग 82 व्यक्ति संक्रमित आ गए. ऐसा लग रहा था कि कोरोना गांववासियों पर कहर बनकर टूटने वाला है.
15 दिन का लॉकडाउन लगाया
लेकिन ग्राम पंचायत की आपात बैठक बुलाकर राज्य सरकार के जन-अनुशासन पखवाड़े की पाबंदियों के पूर्व ही ग्राम पंचायत क्षेत्र में 15 दिन का लॉकडाउन लगाया गया. इसकी सख्ती से पालना करवाई गई. ग्राम पंचायत में सोडियम हाईपोक्लोराइड का छिड़काव करवाया गया. उप सरपंच प्रवीण पण्ड्या ने बताया कि मई के प्रथम सप्ताह में गांव में संक्रमितों की संख्या 80 से अधिक हो गई थी. ऐसे हालात में ग्राम पंचायत प्रशासन ने पहल करते हुए व्यापार संगठन एवं ग्रामवासियों को साथ लेकर 3 मई से 17 मई तक पूरी ग्राम पंचायत में सम्पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया. गांव के युवाओं की टीम पूरी शिद्दत के साथ आगे आई. युवाओं ने घर-घर जाकर मास्क, ऑक्सीमीटर बांटे और सैनिटाइजेशन का काम संभाला.