डूंगरपुर.प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में 70 झोलाछाप डॉक्टर की गिरफ्तारी और उनके फर्जी क्लीनिक पर मिली भारी दवाओं के मामले में अब स्वास्थ्य विभाग केमिस्टों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. विभाग का मानना है कि झोलाछाप के पास दवाइयां इन केमिस्टों के पास से ही सप्लाई होती है.
डूंगरपुर जिले के सीएमएचओ डॉ महेंद्र परमार ने बताया कि सप्ताहभर पहले डूंगरपुर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने डूंगरपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करते हुए 70 झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार किया था. वही उनकी जांच में फर्जी क्लिनिक का खुलासा हुआ. इस दौरान क्लीनिक की जांच में स्वास्थ्य विभाग को 30 से 40 प्रकार की दवा मिली, जो एक एमबीबीएस डॉक्टर नही लिख सकता है.
केमिस्टों पर शिकंजा कसने की तैयारी में स्वास्थ्य विभाग सीएमएचओ ने बताया कि यदि किसी क्लीनिक की ओर से मेडिकल स्टोर से दवा खरीदी जाती है तो उसे अपने क्लिनिक पंजीयन के साथ ड्रग लाइसेंस पेश करना होता है. इसके बाद मेडिकल स्टोर्स दवाईयां दे सकता है, लेकिन इन सभी क्लीनिक पर झोलाछाप डॉक्टर ने मेडिकल स्टोर संचालकों से सांठगांठ करते हुए नियम विरुद्ध दवाइयां खरीदी गई थी. ऐसे में झोलाछाप को सहयोग करने वाले मेडिकल स्टोर्स भी लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने के मामले में गुनहगार बताए जा रहे हैं.
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सीएमएचओ डॉ परमार ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टर दवाओं के बेच नंबर के आधार पर जांच कर रही है की यह दवाएं किस केमिस्ट के यहां से सप्लाई की गई है. जांच के बाद केमिस्ट खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए उन पर शिकंजा कसा जाएगा.