राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

Ground Report: खत्म होने को शैक्षणिक सत्र, लेकिन जनजाति छात्रावासों में ना यूनिफॉर्म ना ही स्टेशनरी

प्रदेश के टीएसपी क्षेत्र में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से गरीब आदिवासियों के बच्चों के लिए छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन विभाग की लापरवाही इन छात्रावासों में रह रहे आदिवासी विद्यार्थियों पर भारी पड़ रही है..डूंगरपुर के नानाभाई खांट जनजाति प्रतिभावान छात्रावास में ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो विभागीय लापरवाही उजागर हुई..देखिए डूंगरपुर के प्रतिभावान छात्रावास की ग्राउंड रिपोर्ट...

dungarpur tad hostel, dungarpur news
नानाभाई खांट जनजाति प्रतिभावान छात्रावास

By

Published : Feb 25, 2020, 5:11 PM IST

डूंगरपुर.शहर में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से 50 बालक-बालिका जनजाति छात्रावास संचालित है, लेकिन विभाग की लापरवाही इन छात्रावासों में रह रहे आदिवासी विद्यार्थियों पर भारी पड़ रही है. शहर के नानाभाई खांट जनजाति प्रतिभावान छात्रावास में पड़ताल की तो विभागीय लापरवाही उजागर हुई. छात्रावास में रह रहे विद्यार्थियों का कहना था की शिक्षा सत्र बीतने को है, लेकिन अभी तक उन्हें यूनिफॉर्म नहीं मिली है.

नानाभाई खांट जनजाति प्रतिभावान छात्रावास में नहीं सुविधा

पढ़ें:उदयपुरः राज्य सरकार की बड़ी घोषणा, 100 आदिवासी बच्चों को मिलेगी निशुल्क कोचिंग

सत्र पूरी लेकिन यूनिफॉर्म अभी तक नहीं मिली

जानकारी के मुताबिक विभाग ने यूनिफॉर्म के लिए कपड़े के थान अभी भिजवाया है, लेकिन उसकी सिलाई की राशि सिर्फ 350 रुपए ही निर्धारित की है और इस राशि में 2 जोड़ी यूनिफॉर्म की सिलाई भी नहीं हो सकती है, लेकिन फिर भी अब तक यह राशि भी नहीं आई है. वहीं 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों का तो कहना है की उनके बोर्ड एग्जाम आने वाले है और अब वे यूनिफॉर्म सिलवाकर भी क्या करेंगे.

यूनिफॉर्म को दूर की बात, स्टेशनरी तक नहीं मिली

इतना ही नहीं जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा पहले स्टेशनरी के लिए 2600 रुपए की राशि का भुगतान होता था, लेकिन अब विभाग ने इसके टेंडर कर दिए है, जिसके चलते विद्यार्थियों को अभी तक स्टेशनरी भी नहीं मिली है और वे अपनी जेब से पैसे निकालकर स्टेशनरी लाने को मजबूर है. और तो और छात्रावास में गर्म पानी के लिए सोलर सिस्टम भी लगा हुआ है, लेकिन सोलर सिस्टम पिछले साल से खराब पड़ा है. जिसके चलते बच्चों ने पूरी सर्दी ठंडे पानी से नहाकर निकाली है.

हॉस्टल के वार्डन भी लाचार दिखे

इधर, इस सम्बन्ध में जब हॉस्टल के वार्डन से पूछा गया तो वे भी लाचार नजर आए. उन्होंने कहा की विभाग की उदासीनता के चलते विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विभाग को कई बार इस मामले से अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन सत्र समाप्ति को है और हाल जस के तस है.

पढ़ें:स्पेशल: निजी स्कूलों को भी पीछे छोड़ रहा आदिवासी बाहुल्य प्रतापगढ़ जिले का ये सरकारी स्कूल

ये हाल जिला मुख्यालय के छात्रावास का

जिले के सभी छात्रावासों के हालत कुछ ऐसे ही है. छात्रावासों में ना तो बच्चों को यूनिफॉर्म नसीब हुई और ना ही स्टेशनरी. बच्चों ने बिना यूनिफॉर्म और स्टेशनरी के ही करीब-करीब पूरा सत्र ही निकाल दिया. सबसे बड़ी बात यह है की विभाग के मंत्री अर्जुन बामणिया भी पड़ोसी बांसवाड़ा जिले के ही है. उसके बावजूद भी जनजाति छात्रावासों की ये स्थिति होना एक शर्म की बात है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details