डूंगरपुर. जिले में स्थित आवासन मंडल के एक्सईएन ऑफिस को सरकार ने बंद करने के आदेश दिए हैं. अब यह ऑफिस संभाग मुख्यालय यानि उदयपुर में रहेगा. डूंगरपुर आवासन मंडल कार्यालय को बंद करने के आदेश के बाद इसका कितना असर यहां के लोगों पर पड़ेगा ईटीवी भारत ने यह जानने का प्रयास किया और आवासन मंडल के मकानों में रहने वाले परिवारों से भी बातचीत की.
डूंगरपुर आवासन मंडल कार्यालय को बंद करने के आदेश जारी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को सस्ते और रियायती आवास उपलब्ध करवाने के लिए सरकार की ओर से राजस्थान आवासन मंडल की स्थापना की गई थी. इसी के तहत राजस्थान आवासन मंडल की ओर से डूंगरपुर में आवासीय अभियंता का मुख्य कार्यालय भी खोला गया था जिसे अब राज्य सरकार ने बंद करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही सरकार ने प्रदेश के 14 खण्ड कार्यालय को भी बंद कर दिया है. सरकार के इस फैसले से आवासन मंडल की योजनाओं के तहत आशियाना पाने वाले और आशियाना मिलने की उम्मीद लगाकर बैठे परिवारों को बड़ा झटका लगा है.
डूंगरपुर आवासीय अभियंता कार्यालय आवासन मंडल के डूंगरपुर आवासीय अभियंता कार्यालय के तहत ही डूंगरपुर और बांसवाडा जिला मुख्यालय के सागवाड़ा और परतापुर में भी बड़ी आवासीय योजनाओं के तहत हजारों आशियाने तैयार किये गए. यहां अब हजारों परिवार रहते हैं. वहीं सरकार और आवासन मंडल को आवासीय योजनाओं से बड़ा राजस्व भी प्राप्त हुआ लेकिन राज्य सरकार ने अब आवासीय अभियंता कार्यालय को ही बंद करने के आदेश दे दिए हैं. ऐसे में उन परिवारों की चिंता बढ़ गई है जिन्होंने आवासन मंण्डल से घर लिया था.
लोगों को अब छोटे-छोटे कामों के लिए भी उदयपुर तक दौड़ लगानी पड़ेगी. सरकार के आदेशों के तहत अब आवासीय अभियंता का कार्यालय संभाग मुख्यालय पर एक ही होगा जिसके तहत डूंगरपुर का कार्यालय भी बंद होकर उदयपुर में शिफ्ट हो जाएगा.
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की एक तस्वीर 9 हजार से ज्यादा परिवारों पर पड़ेगा असर-डूंगरपुर आवासीय अभियंता कार्यालय के तहत ही डूंगरपूर और बांसवाडा दोनों जिले जुड़े हुए थे और इनमें 4 आवासीय योजनाएं चल रहीं थीं. डूंगरपुर, बांसवाडा, सागवाड़ा और परतापुर में हजारों आवास बनाए गए. ईटीवी भारत ने आवासन मंडल के दफ्तर से जानकारी जुटाई तो पता चला कि आवासन मंडल की ओर से डूंगरपुर शहर में हाउसिंग बोर्ड के 8 सेक्टर में घर बनाये गए हैं. इसके अलावा इंद्रा नगर और अशोक नगर की दो अलग से कॉलोनियां हैं जिसमें कुल 3 हजार मकान बनाए गए हैं. इसके अलावा बांसवाडा शहर में 4 हजार मकान बनाए गए हैं और सागवाड़ा, परतापुर कस्बों में एक-एक हजार मकान बनाएं गए है.
हाउसिंग बोर्ड में रहने वाले लोगों ने क्या कहा ?ईटीवी भारत की टीम ने हाउसिंग बोर्ड ऑफिस बंद करने के आदेशों के बाद इसका कितना असर उन लोगों पर पड़ेगा जो आवासन मंडल द्वारा बनाए गए घरों में रहते हैं उनसे जानने का प्रयास किया. यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि जब कार्यालय डूंगरपुर था तब एक काम के लिए दो से तीन बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं लेकिन अब तो उदयपुर जाना होगा ऐसे में हम लोगों के लिए ये एक और बड़ी परेशानी बनने वाली है.
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हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के निवासी राजेश्वरसिंह, हिना पंड्या, संजय शास्त्री ने कहा कि आवासन मंडल के मकान लेने के बाद रजिस्ट्री, अलॉटमेंट लेटर, लीज, नो ड्यू, नियमितीकरण जैसे कई छोटे-छोटे कामों के लिए ऑफिस आना-जाना पड़ता है. ऐसे में अब आवासन मंडल का ऑफिस उदयपुर में शिफ्ट हो गया तो उन्हें करीब 100 किमी दूर जाना होगा. हालांकि सरकार ने फैसला बंद करने का कर लिया है लेकिन स्थानीय लोगों अभी भी आवासीय अभियंता कार्यालय को यथावत रखने की मांग कर रहे है.
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डूंगरपुर में नई आवासीय योजनाओं पर कितना असर-
जिले के लोग लंबे समय से नई आवासीय योजनाओं का इंतजार कर रहे हैं. इसके लिए सरकार के निर्देशों के तहत डूंगरपुर में नवाडेरा में नई आवासीय योजना के तहत करीब 1500 मकानों की स्वीकृति मिल चुकी है. इस योजना के तहत भी लोगों को आवास मिलने की उम्मीद है. वहीं भाटपुर और गोकुलपुरा क्षेत्र में भी करीब 190 बीघा जमीन पर करीब 1500 मकानों की योजना प्रस्तावित है. ऐसे में आवासीय अभियंता कार्यालय जिले से हटा तो इन आवासीय योजनाओं पर भी इसका असर पड़ सकता है. साथ ही इन योजनाओं के तहत मकान बनने में देरी भी हो सकती है.