डूंगरपुर. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर जिलेभर में उत्सवी माहौल है तो वहीं मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है. राधे-कृष्ण की मनोहारी प्रतिमाओं के आकर्षक श्रृंगार के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी. मंदिरों में 'नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की' के जयघोष गूंजता रहा.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर शनिवार सुबह से ही मंदिरों में भगवान के अनुष्ठान ओर पूजा अर्चना का दौर जारी रहा. मंदिर आकर्षक सजावट और लाइटिंग से जगमगाने लगे. राधा कृष्ण मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमाओं का फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया गया तो भगवान के बाल रूप की झांकिया सजाई गई. नन्हे कान्हा को पालने में बैठाया गया और श्रद्धालुओं ने पालना हिलाते हुए भगवान को रिझाने का प्रयास किया.
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डूंगरपुर के गेपसागर की पाल स्थित श्रीनाथजी मंदिर की विशेष सजावट की गई. भगवान श्रीनाथजी के विशेष दर्शनों के लिए शाम होते ही भक्तों को भीड़ उमड़ने लगी. भगवान को छप्पन भोग लगाएं गए तो वही श्रीकृष्ण आधारित भजन गूंजते रहे. दर्शनों के लिए देर रात तक भीड़ बढ़ती गई. मंदिरों में भजन कीर्तन, भगवान का पालना झुलाने के कार्यक्रम हुए.
डूंगरपुर में कई मोहल्लों, कॉलोनियों में मटकी फोड़ के कार्यक्रम आयोजित किये गए जिसमें बाल गोपाल की टोलियों ने आकर्षक मटकी फोड़ी. डूंगरपुर के धनेश्वर मंदिर स्थित राधा कृष्ण मंदिर, मुरला गणेशजी, सत्यनारायणजी, कालिका माता मंदिर, नवा महादेव, हाउसिंग बोर्ड माताजी मंदिर सहित कई जगहों पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के कार्यक्रम आयोजित किये गए.
भरतपुर में भी दिखा कृष्णप्रेम, जगह-जगह निकली शोभायात्राएं
भरतपुर के डीग कस्बे में भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है. कस्बे के राधा बल्लभ जी , गोविंद देव जी, राधा कृष्ण और लक्ष्मण मन्दिरों में भी भजन कीर्तनों का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान भक्तगण भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को बड़े ही धूमधाम से मना रहे हैं. जहाँ एक ओर मंदिरों में फूल बंगला सजाए गए हैं, वहीं भगवान की झांकी सजाई गई हैं.
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कृष्ण जन्माष्टमी पर्व ग्रामीण क्षेत्रों में भी उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. गांवों में युवा मंडलों द्वारा भगवान श्री कृष्ण की झांकियाँ सजाकर शोभायात्रा निकाली गईं. इस दौरान कृष्ण भक्तों ने नींबू की शिकंजी की प्याऊ लगाई वहीं विहिप द्वारा लक्ष्मण मन्दिर पर हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया और आदर्श विद्या मंदिर में बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी.