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5 जून : पर्यावरण संरक्षण के प्रति राजस्थान के इस नगर परिषद ने पेश की मिसाल, 4 साल में लगाए 25 हजार पौधे

5 जून को पूरे देश में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इस दिन लोग ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाते हैं, जिससे हमारे पर्यावरण को साफ और सुरक्षित रखा जा सके. विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर डूंगरपुर नगर परिषद ने 4 सालों में 25 हजार पौधे लगाएं हैं, जिससे शहर की हवा साफ हो सके. इसके साथ ही आमजन ने भी इस मुहिम में नगर परिषद का साथ दिया है. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट...

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पर्यावरण दिवस पर डूंगरपुर ने पेश की मिसाल

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Published : Jun 5, 2020, 12:26 PM IST

डूंगरपुर.आज विश्व पर्यावरण दिवस है. देश के प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और हर कोई पर्यावरण को बचाने का संदेश दे रहा है तो वहीं डूंगरपुर नगर परिषद ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सबसे बड़ी मिसाल पेश की है. डूंगरपुर नगर परिषद ने शहर की आबोहवा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए 4 सालों में 25 हजार पौधे लगाए हैं जो आज भी जिंदा हैं. अब ये पौधे बड़े हो गए हैं, जिससे पूरा शहर हरीतिमा की चादर ओढ़े हुए है. पर्यावरण को लेकर किसी ने ठीक ही लिखा है...

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पर्यावरण दिवस पर डूंगरपुर ने पेश की मिसाल

डूंगरपुर नगर परिषद ने वैसे तो पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई बड़े और बेहतरीन काम किए हैं, जिसमें सबसे अनूठा उदाहरण है पौधे लगाने के साथ ही उनके बड़े होने तक उनकी सुरक्षा का ख्याल रखना. ऐसा प्रदेश में और किसी निकाय में देखने को नहीं मिलता.

सभापति केके गुप्ता ने बताया कि उनके कार्यकाल से पहले डूंगरपुर शहर में महज एक हजार पौधे ही लगाएं गए थे, लेकिन जैसे ही पदभार संभाला तो सबसे पहला काम प्रदूषित हो रहे पयार्वरण को बचाने के लिए किया. शहर के सभी पार्क जो सूखे और उजाड़ पड़े थे उन पार्कों में पेड़-पौधे लगाए. इसके बाद शहर में नए पार्क विकसित किए गए. जिसमें सबसे खास है बर्ड सेंचुरी पार्क, नक्षत्र पार्क, डिकरियो नी वाड़ी, शहीद पार्क जैसे कई पार्क तैयार किए गए हैं. जिसमें स्थानीय के साथ ही कई नई वैरायटी के पौधे लगाए गए.

हरा भरा दिख रहा डूंगरपुर

प्रतिवर्ष 5 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखते हुए पौधरोपण के दौरान ये भी ख्याल रखा जाता है कि वे पौधे प्रदूषण को मुक्त करने के साथ ही ऑक्सीजन देने वाले हो ताकि शहर की आबोहवा सुरक्षित रहे. शहर में अभी 32 पार्क है जो पूरी तरह से हरे-भरे है. शहर की फतेहगढी, बादल महल रिंग रोड से लेकर मुख्य सड़के, हर एक गली में सड़क किनारे और डिवाइडर पर भी पौधरोपण किया गया.

साथ ही बता दें कि चार सालों में डूंगरपुर निकाय ने 25 हजार पौधे लगाए जो आज भी जीवित है और शहर के लोगों को तरोताजा हवा दे रहे हैं. इससे न केवल शहर प्रदूषण मुक्त हुआ है बल्कि शहर में प्रत्येक गार्डन से लेकर सड़कों के किनारों पर भी हरियाली की चादर ओढ़े हुए है और ये नजारा बारिश के मौसम में और निखर उठता है.

हर पौधा 10 से 12 फीट का लगाया...

आमतौर पर वन विभाग और अन्य कई संगठन भी मानसून के दौर में पौधरोपण करते है, लेकिन नगर परिषद की ओर से लगाएं गए पौधो की और भी खासियत है. जहां हर कोई 2 से 3 फीट के पौधे लगाता है वहीं, नगर परिषद की ओर से 10 से 12 फीट की बड़ी साइज के पौधे लगाएं गए ताकि उन्हें बड़ा होने में ज्यादा वक्त नहीं लगे. इसके साथ ही इनकी सुरक्षा के लिए प्रत्येक पेड़ का सुरक्षा गार्ड भी लगाया गया ताकि पौधों को कोई जानवर नहीं खाए. वहीं, पौधों को रोजाना पानी देने की जिम्मेदारी भी तय की गई. लॉकडाउन के साथ ही भीषण गर्मी के दौरान भी इन पौधों को रोजाना पानी दिया गया, जिससे कोई भी पौधा सूखा नहीं. इतना ही नहीं अगर कोई पौधा खत्म भी हुआ तो इसे भी तुरंत बदल दिया गया.

डूंगरपुर में लगाए 25 हजार पौधे

एक घर एक पेड़ अभियान...

पौधरोपण के तहत डूंगरपुर नगर परिषद ने 'एक घर एक पेड़' अभियान शुरू किया. जिसके तहत शहर के सभी घरों के बाहर पेड़ उसी परिवार के लोगों के हाथों से लगवाया गया. इसके बाद उस पेड़ की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उसी परिवार को दी गई ताकि कोई भी पेड़ सूखे या टूटे नहीं. इसका असर ये हुआ कि आज शहर में प्रत्येक घर के बाहर एक या दो पेड़ है जो बड़े हो चुके है. आज ये पेड़ छायादार हो गए हैं

पर्यावरण को बचाने के लिए वियतनाम से मंगवाए पौधे...

डूंगरपुर शहर में आज कई स्वदेशी के साथ ही विदेशी पौधे भी रोपे गए हैं. खासकर शहर की मुख्य सड़कों पर डिवाइडर के बीच इन पौधों को लगाया गया है. इन पौधों को ठेकेदार के मार्फत मंगवाया गया. इन पौधों की खासियत ये है कि ये पौधे वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण को सोख लेते है, जिससे प्रदूषण नहीं फैलता और ये पेड़ ऑक्सीजन देते है, जिससे दोहरा फायदा है. इस नस्ल के करीब 300 पौधे शहर में डिवाइडर के बीच लगाए गए है, लेकिन इन दिनों भीषण गर्मी के कारण ये पौधे ज्यादा गर्मी सहन नहीं कर पाने की स्थिति में इनकी सुरक्षा के लिए भी इनको ग्रीन पट्टी से ढक दिया गया है ताकि उन पौधों को बचाया जा सके. इसके अलावा कोनोकार्पस, सिंगापुर का सिंगापुरी चेरी, अर्जेंटीना का ट्यूबिया और अफ्रीका का स्पेथोडीया पौधों की विशेष किस्म भी लगाई गई है. इसके अलावा स्थानीय छायादार और फलदार पौधे जिनमें प्राइड ऑफ इंडिया हार श्रृंगार, अमलताश, गुलमोहर, जामुन, आम, चेरी, नीम, बोरसली, नारियल, अमरूद, सितारा जैसे कई पौधे लगाए हैं.

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'डिकरियो नी वाड़ी' में बेटियों से लगवाए पौधे तो नक्षत्र के अनुसार भी तैयार किया पार्क...

पौधरोपण के साथ ही नगर परिषद ने एक और नवाचार किया, जिसमें पौधरोपण के साथ शहर की बेटियों को जोड़ने के लिए डिकरियो ने वाड़ी तैयार की गई. जहां शहर की ही 550 बेटियों के हाथों फलदार पौधे लगवाएं गए. साथ ही इन पौधों का नामकरण भी उन बेटियों के नाम ही किया गया ताकि वह बेटी अपने जन्मदिन पर उस पौधे को रक्षा सूत्र बांधे और उस पेड़ की सुरक्षा का ध्यान रखे.

लोगों ने सहभागिता से लगाए पेड़

सभापति गुप्ता ने बताया कि फलदार पौधे अब बड़े हो गए है और इन पर इस साल आम भी लगे हैं. इसके अलावा नक्षत्र पार्क ने तैयार करवाया जिसमें सभी नक्षत्र के अनुसार पौधे लगाएं गए हैं. साथ ही उससे होने वाले फायदे भी बताएं गए हैं. वहीं शहीद पार्क, बर्ड सेंचुरी पार्क जैसे कई अनगिनत पार्क को उनके अलग ही अंदाज में तैयार किया गया है. गुप्ता ने बताया कि शहर में इस साल भी बारिश के सीजन में 5 हजार बड़े साइज के पौधे लगाने का लक्ष्य है.

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