डूंगरपुर. जिले में ममता को शर्मशार करने वाली एक घटना सामने आई है. जहां कुछ समय पूर्व एक मां ने अपने बच्चे को जन्म लेते ही लावारिस छोड़ दिया था. वहीं शिशु गृह ने बच्चे को आसरा दिया. करीब साढ़े तीन माह तक नवजात दिल में छेद की गंभीर बीमारी से जिंदगी और मौत से जूझता रहा और आखिरकार शुक्रवार को नवजात ने दम तोड़ दिया.
जिंदगी और मौत के बीच जूझता रहा लावारिस नवजात, हो गई मौत यह घटना डूंगरपुर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र की है. जानकारी के अनुसार 12 जुलाई को जिला अस्पताल से कुछ दूर एक सोनोग्राफी सेंटर के पीछे सीढ़ियों पर एक नवजात बालक लावारिस हालत में मिला था. इसके बाद पुलिस, चाइल्ड हेल्प लाइन ने नवजात को रेस्क्यू किया और जिला अस्पताल में इलाज करवाया गया. बाद में नवजात की डूंगरपुर शिशु गृह में देखभाल की जा रही थी.
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इलाज के दौरान ही नवजात के दिल में छेद के बारे में पता चला था. जिस पर डॉक्टर की सलाह पर उसे उदयपुर अस्पताल ले जाया गया था. नवजात के इको टेस्ट में हार्ट में 3 छेद होने के बारे में बताया गया. ऐसे में नवजात का उदयपुर के अलग-अलग अस्पतालों से इलाज चलता रहा.
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डॉक्टर ने नवजात के हार्ट के ऑपरेशन की बात कही और दिवाली के बाद ऑपरेशन होना था, इसलिए दिवाली से पहले ही उसे छुट्टी दी गई थी. जिस पर उसे वापस डूंगरपुर शिशु गृह में रखा गया. वहीं शुक्रवार सुबह नवजात बालक की तबीयत ज्यादा खराब हो गई. जिस पर उसे डूंगरपुर अस्पताल लेकर पहुंचे. वहां डॉक्टर ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया. इसके बाद नवजात बालक के शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. मामले में कोतवाली पुलिस की ओर से आगे की कार्रवाई की जा रही है.