डूंगरपुर. रीट परीक्षा के बाद भी फर्जीवाड़े के खुलासे में पुलिस की जांच जारी है. फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले बाड़मेर जिले के ई-मित्र संचालक को पकड़कर बाड़मेर पुलिस डूंगरपुर आ गई और धंबोला थाना पुलिस को सौंप दिया. वहीं पुलिस ने उसे गिरफ्तार करते हुए पूछताछ शुरू कर दी है.
धंबोला थानाधिकारी भैयालाल ने बताया कि 23 सितंबर को पीठ कस्बे में एक कॉम्पलेक्स के एक कमरे पर कार्रवाई करते हुए शिक्षक भंवरलाल जाट को गिरफ्तार किया था. आरोपी शिक्षक के पास 12 लाख 17 हाजर रुपए कैश, साढ़े 7 लाख रुपए का एक चेक और अन्य ब्लैंक चेक मिले थे.
आरोपी शिक्षक के पास से बड़ी संख्या में रीट परीक्षा के आवेदन पत्र, फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज के साथ एक डायरी भी मिली थी. जिसमें रीट समेत कई प्रतियोगी परीक्षाओं में असली परीक्षार्थी की जगह डमी परीक्षार्थी बैठाने की एवज में 10 से 12 लाख रुपये तक वसूलने के मामला सामने आया था.
मामले में गिरफ्तार शिक्षक भंवरलाल ने बताया था कि रीट परीक्षा में डमी परीक्षार्थी को बैठाने के लिए आधार कार्ड बाड़मेर निवासी ई मित्र संचालक हरीश जाट करता था. थानाधिकारी ने बताया कि बाड़मेर पुलिस ने दबिश देकर ई-मित्र संचालक हरीश जाट को जकड़ लिया था. उसके ई-मित्र केंद्र और तलाशी में 500 से ज्यादा आधार कार्ड मिले. हालांकि इसमें से कितने आधार कार्ड फर्जी तरीके से बनाए इसकी जांच पुलिस की ओर से की जा रही है.
बाड़मेर पुलिस की एक टीम सोमवार देर शाम को ई-मित्र संचालक भंवरलाल जाट को लेकर डूंगरपुर पंहुची. इसके बाद फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले हरीश जाट को धंबोला थाना पुलिस को सुपुर्द कर दिया. धंबोला पुलिस ने हरीश जाट को गिरफ्तार करते हुए उसे पूछताछ कर रही है.