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स्पेशलः गेहूं-चना की बंपर खरीद से किसानों के चेहरे खिले...

देश में फैले कोरोना संक्रमण के कारण किसानों के भी सामने आर्थिक संकट की स्थिति पैदा हो गई थी, लेकिन अब सरकारी खरीद केंद्र पर गेहूं और चना की बिक्री से किसानों के चेहरे पर खुशी नजर आ रही है. साथ ही प्रबंधक ने कहा कि जिले में इस बार गेंहू, चना और सरसों की खरीद को लेकर कुल 11 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. इसके अलावा आसपुर में एफसीआई का अतिरिक्त खरीद केंद्र बनाया है. जिन पर गेंहू और अन्य फसलों की खरीद की गई.

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Published : Jun 19, 2020, 1:55 PM IST

राजस्थान न्यूज, dungarpur news
फसलों की बंपर खरीद से किसानों के चेहरे पर आई खुशी

डूंगरपुर. देश और दुनिया कोरोना से जंग लड़ रहे है तो इसी बीच अच्छी खबर आई है. जिले में इस बार सरकारी खरीद केंद्र पर गेहूं और चना की अब तक कि सबसे बड़ी बंपर खरीद हुई है. इसकी मुख्य वजह लॉकडाउन के अलावा नजदीकी गुजरात राज्य के मुकाबले राजस्थान में गेहूं का समर्थन मूल्य अधिक मिलना है. इसका सबसे बड़ा फायदा किसानों को हुआ है तो उनके चेहरे पर भी खुशी है.

फसलों की बंपर खरीद से किसानों के चेहरे पर आई खुशी

प्रदेश में 22 मार्च से चल रहे लॉकडाउन की वजह से हर कोई जूझ रहा है. साथ ही किसान वर्ग भी बेहाल है. कोरोना काल के दौरान किसानों की खेतीबाड़ी छूट गई, वहीं आर्थिक तंगी के चलते किसान पेशोपेश में पड़ गया, लेकिन अब किसानों के चेहरे खिलते दिख रहे है, जिसकी वजह है जिले में रिकॉर्ड गेंहू और चना की पैदावार के साथ खरीद.

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ईटीवी भारत की टीम ने सरकारी क्रय-विक्रय खरीद केंद्र पर गेहूं, चना और सरसों खरीद को लेकर पड़ताल की तो यहां चौकाने वाले आंकड़े सामने आए. ईटीवी भारत की टीम ने क्रय-विक्रय सहकारी समिति के प्रबंधक भूपेंद्र पंड्या से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि जिले में इस बार गेंहू, चना और सरसों की खरीद को लेकर कुल 11 खरीद केंद्र बनाए गए थे. इसके अलावा आसपुर में एफसीआई का अतिरिक्त खरीद केंद्र बनाया था. इन खरीद केंद्रों पर गेंहू की खरीद की गई, जबकि चना के लिए डूंगरपुर एकमात्र केंद्र बनाया गया था.

फसल की खरीद होने से किसान हुए खुश

प्रबंधक बताते है कि इस बार चना ओर गेंहू की बंपर खरीद हुई है. जिले में अब तक गेंहू की 36 हजार 721 क्विंटल गेंहू की खरीद हो चुकी है. इसमें से 27 हजार 49 क्विंटल गेंहू क्रय-विक्रय और 9 हजार 672 क्विंटल गेंहू एफसीआई के माध्यम से खरीदे गए हैं. इसके अलावा इस बार चना की भी रिकॉर्ड खरीद हुई है. एकमात्र खरीद केंद्र पर भी 1 हजार 446.50 क्विंटल चना की खरीद हो चुकी हैं, जो पिछले सालों के मुकाबले कई गुना ज्यादा हैं. इसके अलावा करीब 5 क्विंटल सरसों की खरीद ही हो सकी है.

फसल खरीद से किसानों को मिली राहत

वहीं, किसान बताते है कि इस बार पैदावार तो अच्छी हुई है, लेकिन सरकारी खरीद केंद्र पर उनकी फसल का वाजिब दाम मिलने के कारण भी किसानों ने अपनी उपज बेची हैं. इससे किसानों को साढ़े 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई हुई है और आर्थिक संकट के समय में किसानों को राहत मिली.

किसानों की फसलों की खरीद हुई तेज

पिछले साल से 9 खरीद केंद्र बढ़ाए गए

जिले में अब तक गेंहू और चना की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए केवल 3 ही सरकारी खरीद केंद्र हुआ करते थे, लेकिन इस बार प्रशासन ने 9 खरीद केंद्र बढ़ा दिए. जिले के प्रत्येक जिले में गेहूं खरीद केंद्र स्थापित किया गया. जिस वजह से किसानों ने अपने नजदीकी खरीद केंद्र पर ही अपनी उपज को बेचने में दिलचस्पी दिखाई. ये भी एक वजह रही कि इस बार सरकारी केंद्र पर रिकॉर्ड गेंहू की खरीद हुई है.

गेंहू और चना की हुई बंपर खरीद

आइये जानते है कि पिछले साल के मुकाबले कितनी खरीद हुई ज्यादा

उपज पिछले साल इस साल
गेंहू 13277 क्विंटल 36721 क्विंटल (अब तक)
चना 243.50 क्विंटल 1446.50 क्विंटल (अब तक)
सरसों 6 क्विंटल 5 क्विंटल अब तक

3 करोड़ 18 लाख का भुगतान हो चुका

जिले में इस बार बंपर खरीद के साथ ही किसानों को उनकी उपज की राशि का भुगतान भी 7 से 8 दिनों में मिल रहा है. क्रय विक्रय सहकारी समिति के प्रबंधक भूपेंद्र पंड्या ने बताया कि जिले में गेहूं खरीद का अब तक का भुगतान 4 करोड़ 72 लाख 56 हजार 825 रुपए का हुआ है, जिसमें से 3 करोड़ 18 लाख रुपये का भुगतान हो चुका है और अन्य का भुगतान भी प्रक्रिया में है. इसके अलावा 70 लाख रुपए से ज्यादा चना की उपज से मिला है. पंड्या ने ये भी बताया कि कुछ किसानों के जन आधार कार्ड के बैंक अकाउंट से लिंक नहीं होने या खाते की समस्या के कारण भुगतान में देरी हो रही है, लेकिन उनकी समस्या को भी दूर कर जल्द ही भुगतान की प्रक्रिया अपनाई जा रही हैं.

1200 क्विंटल से ज्यादा गेंहू और 750 क्विंटल चना की और हो सकती है खरीद

जिले में 30 जून तक सरकारी खरीद केंद्र पर उपज की खरीदी होगी. ऐसे में क्रय विक्रय सहकारी समिति का मानना है कि उनके पास इस दौरान 1 हजार 250 क्विंटल गेंहू की और खरीद हो सकेगी. इसके लिए उनके पास 2500 बारदान उपलब्ध है. जबकि चने की 750 क्विंटल और खरीद की उम्मीद है. इसके लिए भी 1500 बारदान मौजूद है. वहीं, चना के लिए कुल 157 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, जिसमें से अब तक 92 किसान अपनी उपज बेच चुके है, जबकि 65 किसानों को तारीख का आवंटन कर दिया है और जल्द ही वे किसान अपनी उपज दे सकेंगे.

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गुजरात से ज्यादा समर्थन मूल्य, ये भी एक कारण

जिले में गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य 1 हजार 925 रुपए प्रति क्विंटल है जो सीमावर्ती गुजरात राज्य से करीब 100 से 150 रुपए ज्यादा है. बता दें कि जिले के गुजरात राज्य से सटे हुए किसान अपनी उपज गुजरात में ही बेचते है, लेकिन इस बार गुजरात से ज्यादा समर्थन मूल्य मिलने के कारण किसानों ने गुजरात की बजाय जिले में ही अपनी उपज बेची. इसके अलावा किसान लॉकडाउन की वजह से भी गुजरात मे नहीं जा सके. हालांकि इसका फायदा यहां के किसानों को ही मिला हैं. इसके अलावा चना का समर्थन मूल्य 4 हजार 875 रुपए प्रति क्विंटल दिया गया है. वहीं सरसों का समर्थन मूल्य 4 हजार 425 रुपए दिया है, जो पिछली बार से ज्यादा हैं.

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