डूंगरपुर. देश और दुनिया कोरोना से जंग लड़ रहे है तो इसी बीच अच्छी खबर आई है. जिले में इस बार सरकारी खरीद केंद्र पर गेहूं और चना की अब तक कि सबसे बड़ी बंपर खरीद हुई है. इसकी मुख्य वजह लॉकडाउन के अलावा नजदीकी गुजरात राज्य के मुकाबले राजस्थान में गेहूं का समर्थन मूल्य अधिक मिलना है. इसका सबसे बड़ा फायदा किसानों को हुआ है तो उनके चेहरे पर भी खुशी है.
प्रदेश में 22 मार्च से चल रहे लॉकडाउन की वजह से हर कोई जूझ रहा है. साथ ही किसान वर्ग भी बेहाल है. कोरोना काल के दौरान किसानों की खेतीबाड़ी छूट गई, वहीं आर्थिक तंगी के चलते किसान पेशोपेश में पड़ गया, लेकिन अब किसानों के चेहरे खिलते दिख रहे है, जिसकी वजह है जिले में रिकॉर्ड गेंहू और चना की पैदावार के साथ खरीद.
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ईटीवी भारत की टीम ने सरकारी क्रय-विक्रय खरीद केंद्र पर गेहूं, चना और सरसों खरीद को लेकर पड़ताल की तो यहां चौकाने वाले आंकड़े सामने आए. ईटीवी भारत की टीम ने क्रय-विक्रय सहकारी समिति के प्रबंधक भूपेंद्र पंड्या से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि जिले में इस बार गेंहू, चना और सरसों की खरीद को लेकर कुल 11 खरीद केंद्र बनाए गए थे. इसके अलावा आसपुर में एफसीआई का अतिरिक्त खरीद केंद्र बनाया था. इन खरीद केंद्रों पर गेंहू की खरीद की गई, जबकि चना के लिए डूंगरपुर एकमात्र केंद्र बनाया गया था.
प्रबंधक बताते है कि इस बार चना ओर गेंहू की बंपर खरीद हुई है. जिले में अब तक गेंहू की 36 हजार 721 क्विंटल गेंहू की खरीद हो चुकी है. इसमें से 27 हजार 49 क्विंटल गेंहू क्रय-विक्रय और 9 हजार 672 क्विंटल गेंहू एफसीआई के माध्यम से खरीदे गए हैं. इसके अलावा इस बार चना की भी रिकॉर्ड खरीद हुई है. एकमात्र खरीद केंद्र पर भी 1 हजार 446.50 क्विंटल चना की खरीद हो चुकी हैं, जो पिछले सालों के मुकाबले कई गुना ज्यादा हैं. इसके अलावा करीब 5 क्विंटल सरसों की खरीद ही हो सकी है.
वहीं, किसान बताते है कि इस बार पैदावार तो अच्छी हुई है, लेकिन सरकारी खरीद केंद्र पर उनकी फसल का वाजिब दाम मिलने के कारण भी किसानों ने अपनी उपज बेची हैं. इससे किसानों को साढ़े 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई हुई है और आर्थिक संकट के समय में किसानों को राहत मिली.
पिछले साल से 9 खरीद केंद्र बढ़ाए गए
जिले में अब तक गेंहू और चना की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए केवल 3 ही सरकारी खरीद केंद्र हुआ करते थे, लेकिन इस बार प्रशासन ने 9 खरीद केंद्र बढ़ा दिए. जिले के प्रत्येक जिले में गेहूं खरीद केंद्र स्थापित किया गया. जिस वजह से किसानों ने अपने नजदीकी खरीद केंद्र पर ही अपनी उपज को बेचने में दिलचस्पी दिखाई. ये भी एक वजह रही कि इस बार सरकारी केंद्र पर रिकॉर्ड गेंहू की खरीद हुई है.