डूंगरपुर. कोरोना महामारी के बीच प्रदेश में 19 जून को राज्यसभा चुनाव का एलान होते ही सियासी समीकरण का खेल शुरू हो गया है. जिसमें डूंगरपुर जिले के बीटीपी के 2 विधायकों का अहम रोल है. पिछले कुछ दिनों से बीटीपी विधायकों को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, इसी बीच शुक्रवार को बीटीपी से चौरासी विधायक राजकुमार रोत और सागवाड़ा विधायक रामप्रसाद डिंडोर जयपुर पहुंच गए. साथ ही बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. वेलाराम घोघरा और राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश वसावा की ओर से उनके प्रतिनिधि पहुंचे.
मुख्यमंत्री के सामने रखे 9 मुद्दे पढ़ें-विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए एक जगह रखा जा रहा है : अविनाश पांडे
बीटीपी विधायकों ने राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस को समर्थन देने से पहले एक मांग पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंपा. जिसमें जनजाति क्षेत्र की प्रमुख 9 मुद्दों को रखा गया है. इसे लेकर मुख्यमंत्री से बातचीत भी हुई और मुख्यमंत्री की ओर से उनके समाधान का भरोसा दिलाया गया है. इसके बाद से दोनों बीटीपी विधायक भी कांग्रेस खेमे के साथ ही होने की बात सामने आ रही है.
चौरासी विधायक राजकुमार रोत ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से महाराष्ट्र पैटर्न को राजस्थान में लागू करने, बजट घोषणा 2019-20 के अनुसार कडाणा बैंक वाटर के पानी को डूंगरपुर गैंजी घाटा तक ले जाने के लिए बजट की स्वीकृति जारी करने, घोड़ियों का नाका और आम्बा कुआं तालाब मरम्मत के साथ नहरों के सुदृढ़ीकरण के लिए बजट जारी करने, रीट लेवल फर्स्ट के 1167 रिक्त पदों को पात्र एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों से भरने, बेणेश्वर धाम पर 80 प्रतिशत जमीन को आदिवासी समुदाय के नाम करने, गोविंद गुरु धुणी बांसिया में संग्रहालय बनाने, नर्सिंग भर्ती 2013 की लंबित एएनएम और जीएनएम भर्ती को पूरा करवाने, अजा-जजा आयुक्त नई दिल्ली की 28वीं रिपोर्ट में दिए गए सुझावों की पालना करने की मांगे प्रमुख हैं.