डूंगरपुर. प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ डूंगरपुर जिले में आसपुर से भाजपा विधायक गोपीचंद मीणा ने मोर्चा खोल दिया है. भाजपा विधायक ने स्थानीय लोगों की समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत करवाते हुए आम जनता को परेशान करने के आरोप लगाए हैं. वहीं विधायक ने लोगों की समस्या को दूर करते हुए राहत देने की मांग रखी है.
आसपुर विधायक ने गहलोत सरकार पर आरोप आसपुर विधायक गोपीचंद मीणा ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि क्षेत्र में लोगों को कई समस्याएं हैं. जिनसे जनता दो-दो हाथ कर रही है. विधायक ने कहा कि उनके पास पिछले कुछ समय से शिकायत आ रही है कि जिनके पास गुजरात नंबर के वाहन है, उन्हें परिवहन विभाग की ओर से परेशान किया जा रहा है. मीणा ने बताया कि गुजरात में वाहन रजिस्ट्रेशन पर 6 प्रतिशत टैक्स है. जबकि राजस्थान में 12 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन टैक्स के अलावा साढ़े 12 प्रतिशत सरचार्ज अलग से है. इस तरह राजस्थान में कुल साढ़े 24 प्रतिशत टैक्स लगता है, जबकि गुजरात में सिर्फ और सिर्फ 6 प्रतिशत टैक्स ही लगता है. ऐसे में गुजरात में फायदा होने के कारण लोग तो गुजरात से वाहन लेंगे ही.
यह भी पढ़ें.रामेश्वर डूडी के घर पर बदमाशों के हमले पर राजेन्द्र राठौड़ बोले- गृहमंत्री और मुख्यमंत्री गहलोत पूरी तरह विफल
विधायक ने कहा कि एक तो राजस्थान में वाहन रजिस्ट्रेशन टैक्स साढ़े 18 प्रतिशत ज्यादा है. दूसरी ओर परिवहन विभाग की ओर से उन्हें परेशान कर लुटा जा रहा है. जबकि डूंगरपुर के कई लोग आए दिन गुजरात में अपने कामकाज के लिए आना-जाना करते है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि टीएसपी क्षेत्र में टैक्स को लेकर छूट मिलनी चाहिए. गुजरात में राजस्थान के मुकाबले डीजल की रेट में भी 8 रुपये तक कम है. ऐसे में गुजरात में डीजल भरवाने में वाहनधारियों को अधिक मुनाफा है.
यह भी पढ़ें.गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर के पहले सप्ताह में बुलाएगी विधानसभा का विशेष सत्र
विधायक ने कहा कि उनकी ओर से राज्य सरकार और मुख्यमंत्री से दूसरी मांग ये है कि टीएसपी क्षेत्र में 13 बिस्वा से कम जमीन की रजिस्ट्री पर आबादी स्टांप की ड्यूटी लगती थी लेकिन अब कांग्रेस की सरकार ने 7 प्रतिशत से कम जमीन पर स्टांप ड्यूटी लगा दी है. इससे किसानों और छोटी-मोटी जोत के किसानों को परेशानी होगी. विधायक ने कांग्रेस सरकार की रीति-नीति को किसान और आम जनता के विरोध में बताते हुए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के अनुसार ही नीतियों को लागू करने की पैरवी भी की.