डूंगरपुर. दुनिया के साथ-साथ पूरा देश कोरोना वायरस की माहामारी से जूझ रहा है. डूंगरपुर जिले में इस महामारी से निपटने के लिए जहां सबसे ज्यादा डॉक्टर्स दो-दो हाथ कर रहे हैं. वहीं, एम्बुलेंस कर्मचारी भी सैनिकों की तरह डटे हुए हैं. वो जानकारी मिलते ही फौरन कोरोना संदिग्ध मरीजों को लाकर आइसोलेट या क्वॉरेंटाइन में भेज रहे हैं.
डूंगरपुर में सैनिकों की तरह डटे एम्बुलेंस कर्मचारी डूंगरपुर में 108 एम्बुलेंस सेवा भी अलर्ट पर है. जिले में 6 एम्बुलेंस को कोरोना संक्रमण के कार्य में लगाया गया है. इसमें करीब 20 से ज्यादा कार्मिक, पायलट और ईएमटी सैनिक की तरह तैनात हैं. एम्बुलेंस में कोरोना संदिग्धों को लाने और ले जाने के लिए सावधानी के सभी उपकरण भी तैयार रखे गए हैं और जो दिन-रात जुटे हुए हैं.
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108 एम्बुलेंस सेवा के जिला अधिकारी वीरेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि 19 मार्च से ही जिले की 6 एम्बुलेंस को केवल कोरोना महामारी के लिए अलर्ट पर रखा गया है. इन एम्बुलेंस के जरिए अब तक 103 कोरोना संदिग्धों को अस्पताल लाकर आइसोलेशन ने रखा गया है. इसमें से 3 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भी अस्पताल तक पहुंचाया और इसके बाद उन्हें उदयपुर मेडिकल कॉलेज तक भी लेकर गए हैं. इस दौरान एम्बुलेंस कार्मिकों को भी कोरोना का खतरा था. लेकिन, सभी ने मरीजों की सेवा को प्राथमिकता दी.
उन्होंने बताया कि कोरोना संदिग्ध मरीजो को अस्पताल तक लाने के बाद हर बार एम्बुलेंस को सेनेटाइज किया जा रहा है, जिससे दूसरे मरीजो को कोई खतरा ना हो. वहीं, एम्बुलेंस कार्मिकों की सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है. पायलट और ईएमटी को मास्क के साथ ही सेनेटाइजर उपलब्ध करवाए गए है, जिससे वो पूरी तरह से सुरक्षित रहें.