डूंगरपुर. जिले के 60वें जिला कलेक्टर के रूप में आईएएस आलोक रंजन ने बुधवार को पदभार ग्रहण किया है. इससे पहले चेतनराम देवड़ा जिला कलेक्टर थे. कलेक्टर आलोक रंजन की जयपुर स्मार्ट सिटी से डूंगरपुर कलेक्टर के रूप में पहली पोस्टिंग हुई है. कलेक्टर रंजन भी डूंगरपुर के ही पड़ोसी बांसवाडा जिले से है.
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पदभार ग्रहण करने के बाद जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि डूंगरपुर आदिवासी बाहुल्य जिला है. सरकार की ओर से यहां पहले से प्राथमिकताएं तय हैं और बजट घोषणा में भी कई काम होने हैं. उसी के अनुरूप प्रशासन की ओर से प्रस्ताव बनाकर भी भेजे गए हैं. सबसे पहली प्राथमिकता आस्था के केंद्र बेणेश्वरधाम पहुंच के पुलियों का निर्माण है.
आलोक रंजन ने संभाला डूंगरपुर के कलेक्टर का पदभार कलेक्टर आलोक रंजन ने कहा कि जिले में बिजली, पानी की छोटी मोटी जो सभी समस्याएं होंगी, उनका समय पर समाधान करने के प्रयास किये जाएंगे. इसके अलावा रोजगार के अवसर तैयार करना और युवाओं को स्किल डेवलपमेंट से जोड़ा जाएगा. आगे कहा कि डूंगरपुर हमेशा ही पंचायतीराज के क्षेत्र में अग्रणी रहा है. प्रयास रहेगा कि इसे और भी आगे ले जाएं. लोगों को जरूरी सुविधाएं मिलनी चाहिए, इसका भी प्रयास किया जाएगा.
कलेक्टर ने कहा कि पेंशन को लेकर जो लोग भटक रहे हैं चाहे किसी भी कारण से हो उनका समाधान किया जाएगा. नवाचारों को लेकर कलेक्टर ने कहा कि पूर्व के अधिकारियों की ओर से जिले में जो भी नवाचार अपनाए गए हैं. बर्ड फेयर, मनरेगा, सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में और भी आगे नए काम होंगे. रोजगार गारंटी में श्रमिकों के 100 दिन के रोजगार को लेकर खासकर फोकस रहेगा.