डूंगरपुर. राज्य सरकार की ओर से कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) भर्ती में विसंगति दूर करने के आदेश जारी होने से डूंगरपुर के 90 युवाओं को राहत मिली है. कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर पद पर जिले के 90 ऐसे युवा जिनको अन्य जिलों में पोस्टिंग दी गई थी, उन्हें अब सरकार ने गृह जिले में नियुक्त करने के आदेश दिए हैं. चिकित्सा विभाग में हाल ही हुई सीएचओ (CHO) भर्ती में टीएसपी के कई युवाओं को दूसरे जिलों में नियुक्तियां दे दी गईं थीं. इसके बाद से ही अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे थे और गृह जिले में ही लगाने की मांग कर रहे थे.
इसे लेकर राज्य सरकार ने अन्य जिलों में लगाए गए सभी सीएचओ को उनके गृह जिले में लगाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. इसके बाद उन अभ्यर्थियों ने राहत की सांस ली है. आदेश जारी होने के साथ ही बड़ी संख्या में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर अन्य जिलों से रिलीव होकर डूंगरपुर सीएमएचओ कार्यालय में नियुक्ति देने के लिए पहुंचे. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेंद्र परमार ने बताया कि इन सभी की जोइनिंग आज से सीएमएचओ कार्यालय में शुरू हो गई है.
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इन सभी 90 सीएचओ को 14 जून तक कार्यालय में नियुक्ति देनी है. इससे जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी. पिछले दिनों प्रदेश भर में हुई कम्युनिटी हेल्थ अफसर की भर्ती के दौरान एक बड़ी चूक हुई थी जिसमे राज्य सरकार के गजट के विपरीत नॉन टीएसपी जिलों में टीएसपी जिलों के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी गई थी.
बाईट: डॉ.महेंद्र परमार, सीएमएचओ डूंगरपुर
मनरेगा से फिर मिलेगा रोजगार
डूंगरपुर में कोरोना महामारी के बाद से बेरोजगारी संकट झेल रहे लोगों को एक बार फिर महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से रोजगार से जोड़ने पर काम किया जा रहा है. इसके लिए पंचायतीराज विभाग की ओर से कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है. ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की समस्त योजनाओं, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ भारत मिशन एवं राजवीका की समीक्षा बैठक बुधवार को जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला की अध्यक्षता में आयोजित की गई. कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने मनरेगा में श्रमिक नियोजन, सफलता की कहानी, आधार सीडिंग पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये.
जिला कलेक्टर ओला ने सभी पंचायत समिति में मनरेगा के कार्यों के बारे में जानकारी ली. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिये कि मनरेगा के कार्यो की पंचायतवार सूची ग्रुप में भी भेजें जिससे यह जानकारी मिल सके कि किस पंचायत समिति में कितने काम हैं, उनके लिए कितने श्रमिकों की जरूरत है. जिला कलेक्टर ने सभी नियोजित श्रमिकों के आधार सीडिंग करवाने के लिए भी निर्देशित किया है. इसके अलावा लंबित भुगतान का तत्काल निस्तारण करवाने के निर्देश भी दिया है.