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जनजाति छात्रावासों में घटिया सामग्री के मामले में एसीबी ने शुरु की कार्रवाई - डूंगरपुर एसीबी की कार्रवाई

जनजाति छात्रावासों में घटिया सामग्री सप्लाई के मामले में एसीबी ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. मामला सवा चार करोड़ रुपये के मटेरियल सप्लाई का है. मामले की जांच एसीबी बांसवाडा के एएसपी की ओर से की जा रही है.

भ्रष्टाचार पर एसीबी का शिकंजा

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Published : Aug 18, 2019, 10:15 AM IST

डूंगरपुर. जनजाति छात्रावासों में घटिया सामग्री सप्लाई के मामले में एसीबी ने केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है. इस मामले में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जयपुर की तत्कालीन वित्तीय सलाहकार सहित कई अधिकारियों और मटेरियल सप्लाई करने वाली फर्म के खिलाफ मिलीभगत कर घटिया सामग्री सप्लाई करने और सरकारी धन का दुरुपयोग करने का केस दर्ज किया गया है.

भ्रष्टाचार पर एसीबी का शिकंजा


भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यालय की ओर से मिले निर्देशों के आधार पर एसीबी डूंगरपुर ने केस दर्ज कर किया है. भ्रष्टाचार के इस बहुचर्चित मामले में एसीबी ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जयपुर की तत्कालीन वित्तीय सलाहकार अनुपमा शर्मा हाल वित्तीय सलाहकार निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग जयपुर, तत्कालीन सहायक लेखाधिकारी द्वितीय (छात्रावास) गणपतलाल शर्मा हाल सेवानिवृत के अलावा विभाग के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने नेशनल टेक्सटाइल कॉर्पोरेशन जयपुर एवं राजस्थान सेंट्रल स्टोर्स लिमिटेड जयपुर से मिलीभगत कर आपराधिक षड्यंत्र रचा.

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इसके बाद अधिकारियों ने अपने पद व अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए डूंगरपुर/बांसवाडा के आवासीय स्कूलों में घटिया स्तर की सामग्री खरीद की और सप्लाई की गई थी. यह सामग्री करीब 4 करोड़ 23 लाख 81 हजार 424 रुपये की थी.

सालभर पहले जांच में मिली थी घटिया सामग्री
बता दें कि सालभर पहले एसीबी डूंगरपुर के डीएसपी गुलाबसिंह ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तहत संचालित डॉ भीमराव अंबेडकर आवासीय छात्रावास डूंगरपुर, सागवाड़ा, आसपुर, सीमलवाड़ा, बिछीवाड़ा, चिखली, ओबरी में सप्लाई किये गए सामग्री की जांच की थी. इसमें नेशनल टेक्सटाइल कॉर्पोरेशन लिमिटेड एवं राजस्थान सेंट्रल स्टोर लिमिटेड जयपुर से सप्लाई किए गए गद्दे, तकिए, खेच, कंबल, चद्दर और लोहे के बेड की जांच की गई थी, जिसमे घटिया सामग्री का खुलासा हुआ था.

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जांच में सप्लाई की गई सामग्री नापतौल, वजन, लंबाई-चौड़ाई और मोटाई में कहीं कम तो कहीं गुणवत्ताहीन पाए गए थे. गद्दों की मोटाई निर्धारित मोटाई से काफी पतले थे, वहीं तकियों में घटिया रुई का इस्तेमाल किया गया था. डॉ भीमराव अंबेडकर छात्रावास खेडा आसपुर में 80 लोहे के बेड सप्लाई किये गए थे, जिनकी जांच में क्वालिटी घटिया निकली थी. बेड पर बैठते ही हिलने लगा और कई जगह से टूटा हुआ भी था. इसी मामले में जांच के बाद रिपोर्ट एसीबी मुख्यालय को भेजी गई थी जिसमे अब केस दर्ज करते हुए जांच शुरू की गई है.

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यह था पूरा मामला

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से वर्ष 2009 से लेकर वर्ष 2017 तक प्रदेश के अलग-अलग 734 छात्रावासों में घटिया सामग्री की सप्लाई की गई थी. नेशनल टेक्सटाइल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड जयपुर से सप्लाई किये गए इन घटिया सामग्री के बावजूद भुगतान भी कर दिया गया था. इस मामले में समाज कल्याण एवं अधिकारिता विभाग जयपुर के तत्कालीन वित्तीय सलाहकार ओर सहायक लेखधिकारी सहित कई अधिकारियों ने मिलीभगत कर खरीदी के बाद सप्लाई की गई थी. एसीबी ने अपनी जांच में इन अधिकारियों को भी आरोपी माना है.

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