डूंगरपुर. प्रदेश के डूंगरपुर जिले में हिंसा के बाद से लगातार चल रही चर्चाओं पर सोमवार देर रात को मुहर लग गई. उदयपुर के संभागीय आयुक्त सहित डूंगरपुर कलेक्टर और एसपी का तबादला कर दिया गया है. इनकी जगह पर पी. रमेश को उदयपुर संभागीय आयुक्त, आईएएस सुरेश कुमार ओला को डूंगरपुर कलेक्टर और आईपीएस कालूराम रावत को डूंगरपुर एसपी लगाया गया है.
डूंगरपुर हिंसा को लेकर कार्रवाई राज्य सरकार ने सोमवार देर रात को आईएएस और आईपीएस की दो अलग-अलग तबादला सूची जारी की है. संयुक्त शासन सचिव डॉ. रविंद्र गोस्वामी की ओर से जारी आदेश में 11 आईएएस के तबादले किए गए हैं. जिसमें उदयपुर के संभागीय आयुक्त विकास सीताराम भाले पर गाज गिरी है. उनकी जगह पर पी रमेश को उदयपुर संभागीय आयुक्त लगाया गया है.
कलेक्टर-एसपी पर भी गिरी गाज...
इसके अलावा डूंगरपुर कलेक्टर-एसपी पर भी गाज गिरी है. कलेक्टर कानाराम का ट्रांसफर संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टेट हेल्थ इंश्योरेंस एजेंसी राजस्थान जयपुर के पद पर किया गया है. वहीं, आईएएस सुरेश कुमार ओला को डूंगरपुर कलेक्टर लगाया गया है. आईएएस सुरेश कुमार वर्तमान में आयुक्त नगर निगम जोधपुर दक्षिण में कार्यरत हैं.
पुलिस अधीक्षक का भी तबादला...
डूंगरपुर जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव का भी तबादला कर दिया गया है. एसपी जय यादव को सीआईडी सीबी जयपुर में एसपी लगाया है. उनकी जगह पर कालूराम रावत को डूंगरपुर एसपी लगाया है. आईपीएस कालूराम रावत वर्तमान में पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय एवं यातायात) जोधपुर में कार्यरत हैं. ऐसे में अब नए कलेक्टर और एसपी पर जिले में कानून और साम्प्रदायिक सौहार्द को कायम करने की जिम्मेदारी रहेगी. बता दें कि आईपीएस कालूराम रावत इससे पहले भी डूंगरपूर के पड़ोसी जिले बांसवाडा में एसपी रह चुके हैं.
उपद्रव रोकने में बताया था नाकाम...
जिले में 24 से 27 सितंबर तक एनएचए 8 पर उपद्रव की घटना हुई थी. इस उपद्रव की घटना को रोकने में प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा था, जबकि हाइवे के किनारे कांकरी डूंगरी पर 18 दिनों से पड़ाव चल रहा है. इसे लेकर सरकार व प्रशासन के पास इनपुट होते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं कि गई और बाद में हिंसा का रूप ले लिया.
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दूसरी ओर भाजपा भी लगातार सरकार पर निशाना साध रही है और सरकार को हिंसा रोकने में नाकाम बता रही है. पिछले दिनों भाजपा की एक कमेटी भी डूंगरपुर हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पंहुची थी और भाजपा की कमेटी ने भी जिला प्रशासन को नाकाम बताया था. यह भी तबादले की वजह मानी जा रही है.