डूंगरपुर. एसीबी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को आबकारी इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते धर दबोचा. आबकारी इंस्पेक्टर जनवरी से लेकर मार्च महीने तक दो हजार रुपये महीने के हिसाब से रिश्वत की मांग कर रहा था. एसीबी डूंगरपुर के डीएसपी हेरंब जोशी ने बताया कि किशनलाल पुत्र भीलूलाल पुर्बिया निवासी सुरजपोल रोड सलूंबर उदयपुर ने 16 मार्च को शिकायत की थी.
इसमें बताया कि उसके बेटी किनल पुर्बिया के नाम से देशी मदिरा समूह की खरका सलूंबर में लाइसेंसी शराब की दुकान है. दुकान की देखभाल वह खुद करता है. शराब की दुकान बिना किसी परेशानी के चलने देने और चेकिंग नहीं करने के नाम पर सलूंबर आबकारी थाना प्रभारी राजेंद्र प्रसाद पुत्र श्रीभागचंद जाटव निवासी सलेमपुर जिला दौसा ने रिश्वत की मांग की.
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हर महीने दो हजार रुपये की मासिक बंदी के रूप में रिश्वत की मांग कर दबाव बनाने लगा. आबकारी इंस्पेक्टर ने जनवरी से लेकर मार्च तक तीन महीने के 6 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की. शिकायत पर एसीबी डूंगरपुर की टीम ने सत्यापन करवाया, जिसमें रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई. इंस्पेक्टर राजेंद्र प्रसाद ने रिश्वत की राशि अपने दलाल प्रवीण सिंह होमगार्ड को देने के लिए बताया.
इस पर एसीबी की टीम ने ट्रैप की कार्रवाई की, लेकिन होमगार्ड प्रवीण सिंह शुक्रवार को ऑफिस में नहीं मिला. इस पर परिवादी किशनलाल ने रिश्वत के 6 हजार रुपये इंस्पेक्टर राजेंद्र प्रसाद को आबकारी ऑफिस परिसर में दिए. इधर रिश्वत देने का इशारा मिलते ही एसीबी की टीम पहुंच गई और इंस्पेक्टर राजेंद्र प्रसाद को रिश्वत के रूप में ली गई 6 हजार रुपये के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल, इस मामले में एसीबी की टीम पूछताछ कर रही है.