डूंगरपुर. शहर कोतवाल और धंबोला सीआई समेत 4 पुलिसकर्मियों की ओर से 8 लाख 30 हजार की रिश्वत केस की जांच शुरू हो गई है. एसीबी की ओर से एएसपी चंद्रशील ठाकुर इस मामले में एसपी की भूमिका की जांच और सबूत जुटाने के लिए बुधवार को डूंगरपुर (ACB ASP to investigate bribe case in Dungarpur) पहुंचे.
एसीबी के एएसपी चंद्रशील ठाकुर ने बताया कि सीआई कोतवाली दिलीपदान, धंबोला सीआई भैयालाल आंजना, कांस्टेबल भोपालसिंह और कांस्टेबल जगदीश विश्नोई को 3 लाख 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. जबकि 4 दिन पहले रिश्वत में लिए 5 लाख रुपए कांस्टेबल भोपालसिंह की थाने में रखी अलमारी से मिले थे. मामले में एसपी सुधीर जोशी के नाम से रिश्वत ली जा रही थी, इसलिए एसपी की भूमिका भी संदिग्ध मानी गई है.
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एसपी के नाम पर लेनदेन को जांच के दायरे में लेते हुए सभी पहलुओं पर पड़ताल की जा रही है. इसमें कोई भी बड़ा अधिकारी भी मिला होगा तो वह बच नहीं सकेगा. वहीं रिश्वत के इस केस में दलाल सुनील कलाल का नाम भी सामने आया है, लेकिन वह अभी फरार चल रहा है. उसके पकड़े जाते ही और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं. लेनदेन को लेकर व्हाट्सएप चेटिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि मामले से जुड़े सभी पुलिस अधिकारियों और पुलिस कांस्टेबल के मोबाइल फोन की एफएसएल जांच की जाएगी. वहीं अगर कुछ डाटा डिलीट किया गया है, तो उसे भी रिकवर किया जाएगा. जिससे कोई भी बच नहीं सके.
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पीड़ित के साथ एसपी से भी हो सकती है पूछताछ: एसीबी के एएसपी चंद्रशील ठाकुर के साथ एसीबी की टीम ने अब डूंगरपुर में जांच शुरू कर दी है. एएसपी ठाकुर ने बताया कि एफआईआर में जिन-जिन अधिकारियों, कर्मचारियों के नाम हैं, सभी से पूछताछ की जाएगी. मामले में पीड़ित शराब ठेकेदार चंदूलाल कलाल उर्फ फौजी, नरेंद्रसिंह को भी बुलाया गया है. घटना से जुड़े सभी साक्ष्य उनसे मांगे जाएंगे. वहीं एसपी पर लगाए आरोपों से जुड़े सबूत भी जुटाए जाएंगे. वहीं घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज, रिकॉर्डिंग समेत जो भी सबूत सामने आएंगे उन्हें इकट्ठा कर कड़ी से कड़ी जोड़ी जाएगी.