डूंगरपुर. मंत्री से लेकर अफसर के आने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत करने वाले पुलिस के जवान खुद सुविधाओं से महरूम है. सर्दी हो या गर्मी, या फिर बारिश का मौसम, उन्हें खुले आसमान के नीचे ही खड़े रहना पड़ता है. गार्ड के रूप में सुरक्षा देने वाले उन पुलिस के जवानों के लिए एक गार्ड रूम तक का इंतजाम नहीं है.
जवान बरामदों में सोने को मजबूर प्रदेश के समस्त सर्किट हाउस में वीआईपी व्यक्तियों के आगमन एवं उनकी सुरक्षा को लेकर गार्ड लगाए जाते है. यहीं गार्ड वीआईपी का गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत करते है. प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस गार्ड के लिए सर्किट हाउस में अलग से गार्ड रूम बने हुए है, लेकिन प्रदेश के डूंगरपुर सर्किट हाउस में गार्ड रूम की कहानी कुछ और है. गार्ड के रूप में ही तैनात हेड कांस्टेबल रामलाल ने बताया कि कभी उनको यदि रूम दिया भी जाता है तो कोई वीआईपी आ गया तो तुरंत वह रूम उनसे छीन लिया जाएगा.
बारिश के मौसम में गार्ड्स को बरामदों में सोने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जो कि सिस्टम की तानाशाही के आगे इन जवानों की लाचारी की कहानी बयां करता है. ऐसे में यहां गार्ड की ड्यूटी पर लगने पुलिस गार्ड को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मंत्री से लेकर अफसरों तक को गार्ड देने वाले इन पुलिस के जवानों को सुबह से ही सर्किट हाउस में तैनात कर दिया जाता है, लेकिन उनके बैठने या ठहरने के लिए सर्किट हाउस में कोई इंतजाम नहीं होता है. ऐसे में पुलिस गार्ड मंत्री या अफसरों के आने तक सर्किट हाउस में इधर-उधर घूमकर उनका इंतजार करने को मजबूर है. बारिश के मौसम में भी इन गार्ड्स को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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पुलिस कर्मियों ने बताया पहले सर्किट हाउस में पुलिस गार्ड के लिए एक रूम की व्यवस्था थी, लेकिन वह जर्जर हो गया और सर्किट हाउस प्रबंधन ने उस रूम को वापस लेते हुए उस कमरे में अपना कबाड़ डाल दिया. गार्ड रूम के अभाव में पुलिस के जवानों को सर्दी, गर्मी व बरसात के मौसम में बरामदो में रुककर अपनी ड्यूटी पूरी करनी पड़ती है. उनके मुताबिक उन्होंने कई बार उच्चाधिकारियों से संपर्क कर समस्या के बारे में अवगत करवाया, फिर भी समस्या वैसी की वैसी बनी हुई है.