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SPECIAL: डूंगरपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 28 हजार आवास अधूरे, 23,575 लोग हुए अपात्र

आवास विहीन या गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को आवास उपलब्ध करवाने की योजना पर ग्रहण लगा हुआ है. प्रशासनिक लापरवाही के चलते प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 28 हजार लाभार्थी परिवारों के आवास अधूरे पड़े हैं. वहीं 23 हजार से ज्यादा परिवारों को अपात्र मानकर उन्हें इस योजना के लाभ से वंचित किया गया है. पेश है ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट...

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Published : Nov 7, 2020, 7:14 PM IST

Sanctioned Housing in Dungarpur District, Pradhan Mantri Awas Yojana in Dungarpur
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 28 हजार आवास अधूरे

डूंगरपुर. आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में करीब 14 लाख की आबादी निवास करती है, जिसमें से अधिकतर लोग गरीब होकर खेतीबाड़ी, मजदूरी, दिहाड़ी का काम कर अपना पेट पालते हैं. इसके अलावा कई परिवारों के पास खुद का अपना घर तक नहीं है या फिर कच्चे या टूटे फूटे घर में ही अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. ऐसे परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना संचालित है.

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 28 हजार आवास अधूरे

ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि 2016 से लेकर अब तक डूंगरपूर जिले में 99 हजार 805 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना की मंजूरी मिली है, जिसमें से 71 हजार 879 परिवारों के आवास का कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि 27 हजार 926 परिवारों के आवास आज तक अधूरे हैं, जो पूरे नहीं हो सके हैं. इसमें से करीब 1 हजार आवास पिछले 4 सालों से अधूरे पड़े हैं. इन आवासों को पूरा करवाने के लिए सरकार से लेकर प्रशासन कई प्रयास कर रहा है, लेकिन कई कारणों से यह मकान आधे-अधूरे ही हैं. वहीं इसमें स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से भी इनकार नहीं किया जा सकता है, जिनकी ओर से प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण ये आवास आज तक नहीं बन सके हैं.

आइए जानते हैं किस साल कितने आवास स्वीकृत, कितने पूरे और कितने अधूरे

वर्ष 2016-17 और 2017-18 में कुल 57 हजार 178 आवास का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 57 हजार 170 आवास को स्वीकृति मिली थी. इसमें से 56 हजार 27 आवास का कार्य पूर्ण हो गया है, लेकिन 1 हजार 143 आवासों का काम 4 साल बाद भी आज तक अधूरा ही है. इसके अलावा वर्ष 2019-2020 में 36 हजार 232 आवासों को स्वीकृति मिली, जिसमें से अब तक केवल 15 हजार 852 आवास का कार्य ही पूरा हुआ है, जबकि 20 हजार 380 आवास का कार्य आज तक अधूरे हैं. वहीं वर्ष 2020-21 की बात करें तो इस वर्ष 29 हजार 978 आवास का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इसमें से 6403 आवासों को ही स्वीकृति मिली है, जिनका काम अभी चल रहा है और एक भी आवास पूर्ण नहीं हुआ है.

23 हजार 575 परिवारों को मान लिया अपात्र

आदिवासी डूंगरपुर जिले में वर्ष 2016 से लेकर अब तक 99,805 परिवारों को आवास योजना के तहत स्वीकृति मिली है, जिससे उन परिवारों के आवास का सपना पूरा हो सका, लेकिन इस साल सरकार व प्रशासन ने 29 हजार 978 आवासों का लक्ष्य रखा था, जिसमें से 6403 परिवारों के आवास की स्वीकृति जारी करने बाद दूसरे बचे हुए 23 हजार 575 परिवारों को योजना के तहत अपात्र मान लिया. इन परिवारों को वरीयता सूची से हटा दिया है. ऐसे में अब इन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिलेगा.

आइए जानते हैं किस ब्लॉक में कितने आवास अधूरे

ब्लॉक अधूरे आवास
1. चिखली 3843
2. दोवड़ा 1106
3. गलियाकोट 3222
4. झोथरी 3063
5. साबला 4692
6. आसपुर 1270
7. डूंगरपुर 1741
8. बिछीवाड़ा 3455
9. सागवाड़ा 3661
10. सीमलवाड़ा 1794

अधूरे आवास को लेकर ये कारण आए सामने

अधूरे पड़े आवासों को लेकर वैसे तो कई कारण हैं, लेकिन सबसे बड़े कारण जो सामने आ रहे हैं, इसमें लापरवाही भी एक वजह है. आवास पूर्ण करवाने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों पर है, उनकी ओर से समय पर कार्य का निरीक्षण नहीं करने से ये अब तक अधूरे हैं. इसके अलावा कई लोग आवास योजना के लिए मिले पैसों को अन्य जगहों पर खर्च कर दिया, जिस कारण भी लोग अब अपने आवास का कार्य पूरा नहीं करवा पा रहे हैं.

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इसी तरह कुछ लोग रोजगार के लिए गुजरात या अन्य जगहों पर पलायन कर गए हैं या फिर कुछ लोगों की मृत्यु हो चुकी है. ऐसे में उनके आवास भी अधूरे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने मामले को लेकर जिला परिषद सीईओ दीपेंद्र सिंह राठौड़ से बातचीत की तो बताया कि अधूरे आवास को पूरा करवाने को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, फिर भी कुछ लोग कार्य नहीं करवा रहे हैं, उस पर कार्रवाई की जा रही है. वहीं पीएम आवास को लेकर लगातार समीक्षा की जा रही है. इसके लिए सभी विकास अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं.

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