धौलपुर. जिले के किसानों ने खरीफ फसल अंकुरित होने के बाद निराई गुड़ाई शुरू कर दी है. जिले में अधिकांश किसानों द्वारा पारंपरिक खेती की जाती है. जिसमें प्रमुख रूप से बाजरा, दलहन, तिलहन, ग्वार, ज्वार की फसलें हैं. फसलों काफी अच्छी अंकुरित हुई है. जिससे किसानों के चेहरे पर रौनक देखी जा रही है.
लेकिन दूसरी तरफ बारिश नहीं होने पर किसानों को चिंता भी सता रही है. फसल की निराई गुड़ाई होने के बाद बारिश का होना बेहद जरूरी है. बारिश होने के बाद ही किसान खेतों में खाद यूरिया का उपयोग करता है.
गौरतलब है कि जिले के जिन हिस्सों में बारिश हुई थी. वहां के किसानों ने खरीफ फसल की बुवाई को अंजाम दिया था. बुवाई होने के बाद फसल अब खेतों में अंकुरित होकर निराई गुड़ाई के मुकाम पर पहुंच चुकी है. लेकिन किसानों को बारिश की भी चिंता सता रही है. मानसून का असर कम दिखाई दे रहा है. ऐसे में बारिश नहीं हुई तो किसानों को नुकसान होगा. किसानों ने बताया निराई गुड़ाई होने के बाद पहला पानी फसल को मिलने पर खाद और यूरिया दिया जाता है. उसके बाद पौधा पूरी तरह से विकसित हो पाता है. तब जाकर किसान को मापदंड के मुताबिक उत्पादन मिलता है.