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धौलपुर: अंधविश्वास ले सकता है जान, सर्प के डंसने पर झाड़ फूंक से करा रहे इलाज

धौलपुर में सैपऊ थाना इलाके के गांव सेवा का पुरा में मंगलवार को अंधविश्वास का एक बड़ा उदाहरण देखने को मिला. बताया जा रहा है कि गांव के एक 35 वर्षीय युवक को विषैले सर्प ने काट लिया, जिस पर युवक का इलाज तांत्रिक एवं झाड़-फूंक विधि से कराया जा रहा है.

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आस्था के नाम पर जान के खिलवाड़

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Published : Sep 8, 2020, 8:58 PM IST

धौलपुर.आस्था और अंधविश्वास का असर 21वीं सदी में जिंदा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण मंगलवार को धौलपुर जिले में सैपऊ थाना इलाके के गांव सेवा का पुरा में देखने को मिला. जहां एक 35 वर्षीय युवक को एक विषैले सर्प ने काट लिया, जिसका परिजनों ने गांव में ही तांत्रिक एवं झाड़-फूंक कर्मियों को बुलाकर ढोलक, थाली एवं मजीरे बजाकर उपचार शुरू करा दिया.

आस्था के नाम पर जान के खिलवाड़

उधर, युवक की हालत बेहद नाजुक अवस्था में पहुंच चुकी है. लेकिन परिजनों की आस्था अस्पताल नहीं ले जाने के साथ मौके पर ही झाड़ फूंक कराकर युवक को स्वस्थ्य करने की है. लेकिन युवक की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है. वहीं, पुलिस एवं प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा अभी तक मौके पर नहीं पहुंचा है.

दरअसल, सैपऊ थाना क्षेत्र के गांव सेवा का पुरा निवासी 35 वर्षीय युवक रामअवतार पुत्र लाखन सिंह ग्वालियर में राजमिस्त्री का काम करता था. ग्वालियर शहर में गोले के मंदिर के पास वह रहता था. सुबह युवक खाना खाकर हैंडपंप पर पानी पीने गया था. लेकिन इसी दौरान हैंडपंप के पास एक विषैले सर्प ने उसके पैर में काट लिया.

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इसके बाद युवक के साथियों ने उसे ग्वालियर के किसी अस्पताल में भर्ती कराया था. परिजनों ने बताया कि कोरोना का हवाला देकर अस्पताल में युवक को भर्ती नहीं किया गया और घर भेज दिया. उसके बाद युवक की तबीयत बिगड़ने लगी. युवक के साथी उसे धौलपुर में पैतृक गांव सेवा का पुरा ले आए. जहां युवक के परिजनों ने स्थानीय झाड़-फूंक कर्मियों को बुलाया और अपने घर पर ही उपचार शुरू करा दिया.

बता दें कि परिजनों ने युवक को अस्पताल ले जाने तक की जहमत नहीं उठाई है. युवक का उपचार नीम की पत्तियों द्वारा झाड़ फूंक कर्मियों द्वारा किया जा रहा है. झाड़-फूंक कर्मियों द्वारा ढोलक, थाली एवं मजीरों द्वारा सर्प के जहर को कमजोर करने के लिए गाने भी गाए जा रहे हैं. युवक के कान में झाड़-फूंक कर्मी बार-बार आवाज लगा रहे हैं. लेकिन अचेत अवस्था में युवक की हालत लगातार नाजुक बनती जा रही है.

वहीं, परिजनों की आस्था अस्पताल नहीं दिखा कर झाड़-फूंक के उपचार पर टिकी हुई है. उधर, पुलिस एवं उपखंड प्रशासन के कानों तक खबर तक नहीं लगी है. एक तरफ प्रशासन और सरकार झाड़-फूंक कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का हमेशा आश्वासन देती रहती है. लेकिन दूसरी तरफ सैकड़ों की तादात में झाड़-फूंक कर्मी युवक के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

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