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मंदबुद्धि नाबालिग से हैवानियत के दोषी को 10 साल कठोर करावास की सजा, लगाया 70 हजार का अर्थदंड - Case of rape of mentally retarded minor

धौलपुर के विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने एक दुष्कर्म के मामले में गुरुवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने मामले में एक आरोपी को दोषी पाए जाने पर उसे 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही उस पर 70 हजार का जुर्माना (Case of rape of mentally retarded minor) लगााय है.

Case of rape of mentally retarded minor
Case of rape of mentally retarded minor

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Published : May 25, 2023, 6:14 PM IST

धौलपुर. जिले के विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने साढ़े छह साल पुराने एक दुष्कर्म के मामले में गुरुवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने एक आरोपी को दोषी पाए जाने पर उसे 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही उस पर 70 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं, दूसरे आरोपी के फरार होने की सूरत में उसे मफरूर घोषित कर दिया.

लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि मामला धौलपुर जिले के बाड़ी थाना इलाके का है. उन्होंने बताया कि थाने में परिवादी ने 24 सितंबर, 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें उसने बताया था कि उसकी 16 साल की मंदबुद्धि बेटी जो कक्षा 12वीं में पढ़ती थी 22 सितंबर, 2016 को स्कूल गई थी, लेकिन वो घर वापस नहीं लौटी. शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. इसी बीच नाबालिग को दस्तयाब कर लिया गया और फिर उसका मेडिकल कराया गया, जिसमें उसके साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि हुई. वहीं, नाबालिग ने भी उसके बयानों में सामूहिक दुष्कर्म की बात कही थी. ऐसे में पुलिस ने उक्त मामले में मुल्जिम पंजाब सिंह और एक नाबालिग को निरुद्ध किया.

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पुलिस ने निरुद्ध नाबालिग को धौलपुर प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट के यहां पेश किया. प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट ने बालक की व्यस्कों की तरह सुनवाई के लिए पत्रावली पॉक्सो न्यायालय में भेजी. कोरोना महामारी के दौरान न्यायालय ने दोनों मुल्जिमों को जमानत पर छोड़ दिया था. इसके बाद मुल्जिमों की जमानत खारिज करने के लिए परिवादी ने उच्च न्यायालय जयपुर में आवेदन किया. उच्च न्यायालय ने दोनों मुल्जिमों की जमानत खारिज कर पॉक्सो न्यायालय में मुल्जिमों को सरेंडर करने के आदेश दिए, लेकिन आदेश के बाद भी दोनों मुल्जिम न्यायालय में सरेंडर नहीं हुए.

इसके बाद मुल्जिमों की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में आवेदन पेश किया गया, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के आवेदन को खारिज करने के बाद मुल्जिम ऐशवीर पॉक्सो कोर्ट में पेश हुआ. वहीं, पंजाब सिंह फरार हो गया. लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि कोर्ट में ट्रायल के दौरान 19 गवाह पेश किए गए. प्रकरण में न्यायाधीश जमीर हुसैन ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद और लोक अभियोजक की दलील सुनते हुए मुल्जिम ऐशवीर पुत्र झमोली गुर्जर निवासी खनपुरा को आईपीसी की धारा 363 और 366 में 5-5 साल की कठोर कारावास और 10-10 रुपए का अर्थदंड और आईपीसी की धारा 376 व पॉक्सो एक्ट की धारा 5 व 6 में 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही मुल्जिम को 50 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी. प्रकरण में फरार दूसरे मुल्जिम को मफरूर घोषित किया गया है. ऐसे में अब पुलिस मुल्जिम को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ ट्रायल शुरू करेगी.

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