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धौलपुर पहुंची टीम ने अस्पताल का किया निरीक्षण - धौलपुर अस्पताल

भारत सरकार की ओर एक केंद्रीय टीम धौलपुर पहुंची. टीम ने यहां लक्ष्य कार्यक्रम के तहत अस्पताल में एमसीएच, ओटी एवं लेबर रूम का निरीक्षण किया. इसके बाद इस कार्यक्रम के तहत धौलपुर अस्पताल को सर्टिफिकेट मिलने की स्थिति में प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी.

धौलपुर पहुंची टीम ने अस्पताल का किया निरीक्षण

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Published : May 30, 2019, 10:43 PM IST

धौलपुर. भारत सरकार की ओर से लक्ष्य कार्यक्रम के तहत आंकलन और निरीक्षण के लिए केंद्रीय टीम ने गुरुवार को धौलपुर जिला अस्पताल के एमसीएच वार्ड, ओटी और लेबर रूम का गहनता से निरीक्षण किया. टीम ने अस्पताल में एक निश्चित लेवल पर मानक जांचे कि यहां मानक सही हैं या नहीं. जानकारी के अनुसार निरीक्षण के दौरान टीम को जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं काफी अच्छी मिली है. जिसके तहत धौलपुर के जिला अस्पताल को एक्सटर्नल असेसमेंट सर्टिफिकेट्स मिलने की संभावना है.

धौलपुर पहुंची टीम ने अस्पताल का किया निरीक्षण

जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. जनार्दन सिंह परमार ने बताया कि भारत सरकार की ओर से 30 व 31 मई को लक्ष्य कार्यक्रम के तहत सर्टिफिकेशन के लिए धौलपुर के एमसीएच, ओटी एवं लेबर रूम का निरीक्षण किया गया. जहां अस्पताल की व्यवस्थाएं सही पाई गई. प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. जनार्दन सिंह परमार ने बताया कि एक्सटर्नल असेसमेंट सर्टिफिकेट्स धौलपुर को मिल जाता है तो यह जिला व राज्य के लिए गौरव की बात होगी.

पीएमओ ने कहा कि अस्पताल स्टाफ ने पूरे प्रयास कर लेबर रूम और ऑपरेशन थियेटर को इस काबिल बनाया है कि लक्ष्य कार्यक्रम में सर्टिफिकेट हासिल हो सकता है. इस कार्यक्रम के तहत सर्टिफिकेट मिलने के बाद प्रोत्साहन राशि मिलेगी. जिसका उपयोग जिला अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड एवं ओटी और लेबर रूम के विकास के लिए किया जाएगा.

यह है लक्ष्य कार्यक्रम

केंद्र के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रसूति गृह और ऑपरेशन कक्ष में प्रसूता व नवजात की देखभाल में गुणवत्तापरक सुधार के उद्देश्य से लक्ष्य कार्यक्रम की शुरुआत की थी. इस कार्यक्रम से प्रसूति कक्ष, ऑपरेशन थियेटर और प्रसूति संबंधी गहन देखभाल इकाइयों (आईसीयू), उच्च निर्भरता इकाइयों (एचडीयू) में गर्भवती महिलाओं की देखभाल में सुधार मकसद है. लक्ष्य कार्यक्रम सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों और फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में कार्यान्वित किया जा रहा है, ताकि प्रत्येक गर्भवती महिला और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में जन्म लेने वाले नवजात शिशु इससे लाभान्वित हो सकें.

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