धौलपुर.जिला प्रशासन ने कोरोना काल की वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आमजन को प्रोनिंग थैरेपी अपनाने पर जोर दिया है. प्रोनिंग थैरेपी से ऑक्सीजन बेड मॉनिटरिंग करने से कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की ओर से अपने शरीर में ऑक्सीजन की कमी को दूर किया जा सकता है.
ये प्रोनिंग थैरेपी ऐसे संक्रमित व्यक्ति जो कि होम आइसोलेशन या संस्थागत आइसोलेशन में हैं उनके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी और इससे सांस लेने में तकलीफ दूर होगी. इस तकनीक से आईसीयू में रखने वाले मरीजों को भी तात्कालिक लाभ मिलेगा.
जिला कलेक्टर की ओर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गोपाल प्रसाद गोयल को पाबंद करते हुए प्रोनिंग थैरेपी के संबंध में जिले में आमजन की जानकारी में लाने के लिए आवश्यक टीमों को गठन करने के निर्देश दिए. उन्होंने निर्देश देते हुए कहा है कि प्रोनिंग थैरेपी के माध्यम से ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने के लिए जिला चिकित्सालय धौलपुर, उप जिला चिकित्सालय बाड़ी और अन्य चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत फिजियोथेरेपिस्ट, मेल नर्स के माध्यम से टीमें गठित की जाऐं और प्रत्येक सीएचसी, पीएचसी लेवल पर भेजकर आंगनबाड़ी, आशा सहयोगिनी, एएनएम और वॉलेन्टियर्स को प्रशिक्षित किया जाए, ताकि उनकी ओर से घर-घर जाकर प्रोनिंग थैरेपी के बारे में लोगों को अवगत कराया जा सकें और इस तकनीक का लाभ उठाया जा सके.
आइए जानें क्या है प्रोनेनिंग थेरेपी
प्रोनिंग की जरूरत उस समय पड़ती है जब कोरोना मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 94 के नीचे चला जाए. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इसकी सिफारिश की है. अगर आप कोरोना से संक्रमित हैं और घर पर ही आइसोलेशन में हैं तो हो सकता है कि आपको कभी कभी सांस में तकलीफ की शिकायत होती हो. ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं है. आपके लिए बहुत ही सरल उपाय है जिसकी मदद से आप खुद को इस समस्या से उबार सकते हैं. इसके लिए ना तो आपको किसी दवा या ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत होगी और ना ही किसी के मदद या जुगाड़ की. आपको बस उल्टा लेटना होगा और गहरी सांस लेनी होगी.
दरअसल यह एक बेहद पुरानी तकनीक है जिसे प्रोनिंग पोजीशन कहते हैं. इसके फायदे को देखते हुए भारत सरकार हेल्थ मिनिस्ट्री ने भी अपने वेबसाइट और ट्वीटर पेज पर लोगों के साथ इससे संबंधित जानकारियां शेयर की है. बता दें कि देश के तमाम बड़े अस्पतालों में इन दिनों ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. ऐसे में ये तकनीक लोगों को काफी फायदा पहुंचा रही है.
क्या है प्रोनिंग पोजीशन
मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, भारत सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक प्रोनिंग पोजीशन कोरोना के उन मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो रहा है जो होम आइसोलेशन में हैं. इसकी मदद से कोरोना संक्रमित मरीजों के ब्लड में हो रहे ऑक्सीजन की गिरावट को तुरंत ठीक किया जा सकता है. हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल 94 या उससे कम हो रहा हो तो वे घर पर ही इस तकनीक का प्रयोग कर सकते हैं.