राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

व्याख्याताओं की कमी के विरोध में स्‍टूडेंट्स ने एसडीएम कार्यालय किया घेराव, दी आंदोलन की चेतावनी

धौलपुर में राजकीय महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सैंपऊ एसडीएम कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया और कॉलेज में व्याख्याताओं की नियुक्ति की मांग (demand of Lecturers in Dholpur college) की. प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों ने कहा कि लम्‍बे समय से व्‍याख्‍याताओं का अभाव है. पढ़ाई पूरी नहीं हो पा रही है. अगर उनकी मांग 3 दिन में पूरी नहीं की गई, तो आंदोलन किया जाएगा.

students protest for lecturers
व्याख्याताओं की कमी के विरोध में स्‍टूडेंट्स ने एसडीएम कार्यालय किया घेराव, 3 दिन की दी चेतावनी

By

Published : Sep 29, 2022, 4:15 PM IST

धौलपुर. सैंपऊ एसडीएम कार्यालय का गुरुवार को राजकीय महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने घेराव कर प्रशासन और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. स्‍टूडेंट्स का कहना है कि महाविद्यालय में व्याख्याताओं का अभाव होने के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इसके साथ भवन का भी अभाव देखा जा रहा है.उन्‍होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 3 दिन में व्याख्याताओं की व्यवस्था नहीं की गई, तो आंदोलन किया (Students warning of agitation in Dholpur) जाएगा.


छात्रसंघ अध्यक्ष नितेश कुशवाह ने बताया कि राज्य सरकार ने राजकीय महाविद्यालय की स्थापना तो कर दी, लेकिन स्थापना बुनियादी समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. महाविद्यालय में अर्थशास्त्र और पॉलिटिकल साइंस जैसे महत्वपूर्ण सब्जेक्ट के व्याख्याता नहीं हैं. इसके साथ भवन का अभाव होने के कारण बैठने में भी असुविधा होती है. महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं विगत लंबे समय से धरना-प्रदर्शन कर राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं. लेकिन समस्या को लेकर प्रशासन और सरकार गंभीर नहीं हैं. विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

पढ़ें:बेरोजगारों ने कर्मचारी चयन बोर्ड का किया घेराव, बाहर हुए अभ्यर्थियों को वापस लेने की मांग

विद्यार्थियों ने बताया कि कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 600 है और इन्हें पढ़ाने वाले व्याख्याता केवल दो हैं. वही भवन भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में उन्हें पुराने समय के प्राइमरी स्कूल के तीन से चार कमरों में बैठना पड़ रहा है. छात्र-छात्राओं ने बताया कि कई बच्‍चे 10 से 15 किलोमीटर की दूरी तय कर कॉलेज पहुंचते हैं. लेकिन पढ़ाने के लिए व्याख्याता नहीं हैं. इसके चलते पिछले कई सालों से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details