धौलपुर.पंजाब के प्रसिद्ध गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले (Sidhu Moose Wala Murder Case) में धौलपुर पुलिस ने गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई गैंग के 2 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. पुलिस पूछताछ में दोनों बदमाशों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. वहीं, इन दोनों बदमाशों से पूछताछ के लिए आज पंजाब पुलिस भी धौलपुर पहुंची. पुलिस पूछताछ में दोनों बदमाश बड़े-बड़े राज उगल रहे हैं.
बदमाशों ने बताया कि मूसेवाला की हत्या के बाद गिरोह का अगला टारगेट अमित डागर था. जबकि अमित डागर को मारने का प्लान सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या से पहले बनाया गया था. लेकिन लॉरेंस विश्नोई गिरोह के शूटर इसमें कामयाब नहीं हो पाए. इस बात का खुलासा धौलपुर में पकड़े गए दोनों गुर्गों ने किया (Members of lawrence bishnoi gang arrested) है. अमित डागर वहीं गैंगस्टर है, जिसने लॉरेंस से भी फिरौती मांगी थी. अमित का कनेक्शन कौशल गिरोह से बताया जाता है. बता दें कि पकड़े गए दोनों गुर्गों ने गैंगस्टर अमित डागर की पंजाब में रेकी की थी. फिलहाल अभी डागर पंजाब में ही पुलिस की रिमांड पर है. गत वर्ष युवा अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा (2 members of lawrence bishnoi gang arrested in Dholpur) की हत्या के बाद से ही लॉरेंस विश्नोई और अमित डागर के बीच विवाद चल रहा है.
गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई गैंग के 2 बदमाशों से पूछताछ. पढ़ें. सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद पंजाब सरकार ने पूर्व विधायक की सुरक्षा बहाल की
आरोपियों के नाम 15000 का इनाम घोषित:धौलपुर जिले के मनियां पुलिस उप अधीक्षक दीपक खंडेलवाल और दिहौली थाने के एसएचओ बीधाराम ने पुलिस टीम के साथ 02 जून 2022 को लॉरेंस विश्नोई गिरोह के दो गुर्गो को गिरफ्तार किया था. पकड़े गए अरोपियों के नाम दिनेश (20) और संदीप (20) है, जोकि हरियाणा के गुरुग्राम के रहने वाले हैं. बता दें कि पुलिस ने इनके आश्रयदाता पूर्व डकैत रामदत्त ठाकुर को भी गिरफ्तार किया था. दोनों गुर्गों पर हरियाणा के गुरुग्राम जिले में हत्या के मामले पर 15-15 हजार का इनाम भी घोषित किया गया है.
पूछताछ में किए कई खुलासे:पुलिस रिमांड के दौरान बदमाशों से पूछताछ कर रहे कोतवाली थाना प्रभारी आध्यात्म गौतम ने बताया कि दिनेश और संदीप अमित डागर की पंजाब में रेकी कर उसकी हत्या करने वाले थे. लेकिन इससे पहले ही पुलिस मिड्डू खेड़ा की हत्या के केस में अमित डागर और भूप्पी राणा को गिरफ्तार कर मोहाली ले आई. ऐसे में अमित डागर के मर्डर की साजिश को कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया था. इसके बाद दोनों शूटर राजस्थान के गंगानगर भाग गए. सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या होने के बाद लॉरेंस विश्नोई के भाई अनमोल विश्नोई के कहने पर दोनों धौलपुर के चम्बल के इलाके में पूर्व डकैत रामदत्त ठाकुर की शरण में फरारी काटने आ गए.
इंटरनेट कॉलिंग और एप्स से चलता है धंधा: दिनेश और संदीप ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह इंटरनेट कॉलिंग के जरिए ही गिरोह से जुड़े हुए हैं. उनकी लॉरेंस विश्नोई और गिरोह के अन्य सरगनाओं से कभी भी आमने-सामने की मुलाकात नहीं हुई है. हरियाणा के पटौदी में हत्या के मामले संलिप्त होने के बाद से दोनों गुर्गे यहां-वहां फरारी काट रहे थे. इस दौरान लॉरेंस विश्नोई के भाई अनमोल विश्नोई ने इन दोनों गुर्गों को इंटरनेट कॉलिंग पर ही धौलपुर जिले के राजाखेड़ा इलाके में पूर्व रातदत्त ठाकुर से मिलने के निर्देश दिए थे. डकैत शिवदत्त ठाकुर का भाई होने की वजह से उसके संदीप के जरिए लॉरेंस विश्नोई से संबंध थे. फिलहाल लॉरेंस विश्नोई इस वक्त दिल्ली की तिहाड़ जेल नंबर आठ में हाई सिक्योरिटी वार्ड में बंद है. वहीं लॉरेंस का भाई अनमोल विश्नोई गुरुग्राम के ग्रामीण इलाकों में अपने गैंग को मजबूत करने में जुटा (2 members of lawrence bishnoi gang arrested in Dholpur) हुआ था.
कैसे बना गैंगस्टर कौशल: कौशल एक प्रॉपर्टी डीलर का बेटा है. कौशल और गैंगस्टर सुदेश का साल 2004 में भूमि विवाद हुआ था, जिसके बाद से कौशल ने जुर्म की दुनिया में अपना कदम रखा. कौशल और चेलू ने एक दूसरे के गिरोह के 9 लोगों का खात्मा किया. हत्याओं का सिलसिला 12 दिसंबर 2006 को तब जाकर रुका, जब कौशल के गिरोह के सदस्यों ने सुदेश को पुलिस कस्टडी में गुरुग्राम में राजीव चौक पर मार गिराया. 7 फरवरी 2016 को गुरुग्राम पुलिस ने मुंबई में संदीप गडोली का एनकाउंटर कर बिंदर गुजर को गिरफ्तार किया. जिसके बाद से ही कौशल एक बड़े गैंगस्टर के तौर पर उभर पाया. वर्ष 2016 में कौशल पैरोल फरार हो गया और वर्ष 2019 में पकड़ा गया. वहीं कौशल ने जेल में रहकर प्रॉपर्टी डीलर और व्यापारियों से रंगदारी लेना शुरू कर दिया. फिलहाल कौशल हरियाणा की जेल में बंद है.