धौलपुर. जिलेभर में शुक्रवार को शीतला माता के मंदिरों पर महिलाओं ने पूजा अर्चना की. सप्तमी के अवसर पर महिलाओं ने पूजा अर्चना करने के लिए पकवान एवं व्यंजन बनाए थे. जिन पकवानों का दूसरे दिन अष्टमी को शीतला माता की पूजा अर्चना कर भोग लगाया गया. सुबह से ही मंदिरों पर महिला एवं युवतियों की भारी भीड़ देखी गई.
पौराणिक मान्यता के मुताबिक सनातन धर्म में होलिका दहन के बाद चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला माता की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन शीतला माता को बासी भोजन कराया जाता है. जिसे बसोड़ा के नाम से जाना जाता है. ठंडा भोजन करने के बाद माता शांत होती है. शीतला माता की पूजा अर्चना के बाद परिवार के सभी सदस्य बासी एवं ठंडा भोजन ग्रहण करते हैं.
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संपूर्ण भारत वर्ष में शीतला अष्टमी त्योहार बसोड़ा के नाम से विख्यात है. पौराणिक मान्यता के मुताबिक शीतला माता की पूजा के दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है. माता की पूजा करने से पर्यावरण को स्वच्छ व सुरक्षित रखने की प्रेरणा मिलती है. शीतला माता भक्तों एवं श्रद्धालुओं की पूजा-अर्चना से प्रसन्न होकर शीतल जनित रोग दूर करती है. शीतला माता के आशीर्वाद से दाह ज्वर, पीत ज्वर, चेचक, दुर्गंध युक्त फोड़े, नेत्र विकार आदि रोग अपने आप दूर हो जाते है.