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शिक्षकों के अभाव और समय पर नहीं आने से भड़के छात्रों, ग्रामीणों ने जड़ा स्कूल पर ताला - छात्रों और ग्रामीणों ने जड़ा स्कूल पर ताला

धौलपुर के बाड़ी उपखंड क्षेत्र के गांव लहकपुर में स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ग्रामीणों और विद्यार्थियों ने स्कूल पर ताला जड़ प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि स्कूल में शिक्षकों का अभाव है और यहां कार्यरत शिक्षक समय पर स्कूल नहीं आते हैं.

school locked by students and villagers
शिक्षकों के अभाव और समय पर नहीं आने से आक्रोशित छात्रों और ग्रामीणों ने जड़ा स्कूल पर ताला, किया प्रदर्शन

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Published : Aug 22, 2022, 4:50 PM IST

Updated : Aug 22, 2022, 11:23 PM IST

धौलपुर.बाड़ी उपखंड क्षेत्र के गांव लहकपुर के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षकों के समय पर नहीं आने व अध्यापकों के अभाव से आक्रोशित विद्यार्थी और ग्रामीणों ने सोमवार को स्कूल के मुख्य गेट पर ताला जड़ (school locked by students and villagers) दिया. शिक्षा विभाग और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की (Student protest in Dholpur) गई.

स्कूल में अध्ययनरत छात्रों का आरोप है कि विगत लंबे समय से महत्वपूर्ण सब्जेक्ट के अध्यापकों की कमी चली आ रही है. इंग्लिश, राजनीति विज्ञान एवं साइंस से लेकर अन्य सब्जेक्ट के लेक्चरर एवं वरिष्ठ अध्यापकों की कमी है. छात्राओं का आरोप है कि स्कूल कभी भी समय पर नहीं खुलता है. मनमाने तरीके से अध्यापक स्कूल में पहुंचते हैं. छात्र-छात्राओं का अधिकांश समय कक्षाओं में खाली बैठकर निकल जाता है. जो अध्यापक स्कूल में तैनात हैं, वे भी पढ़ाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते हैं. ऐसे में बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है.

विद्यार्थियों और ग्रामीणों ने क्यों जड़ा स्कूल पर ताला...

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विद्यार्थियों ने बताया कि स्कूल में शारीरिक शिक्षक तैनात है, लेकिन फिजिकल एक्टिविटी के नाम पर कोई भी आयोजन नहीं कराए जाते हैं. खेल की गतिविधियों से विद्यार्थी कोसों दूर हैं. स्कूल में मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव बना हुआ है. स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल में अध्यापकों की कमी एवं समय पर नहीं आना जैसी समस्या विगत लंबे समय से बनी हुई है. स्कूल की समस्या को लेकर कई मर्तबा जनप्रतिनिधि, शिक्षा विभाग एवं प्रशासन को मौखिक एवं शिकायत पत्र देकर अवगत कराया जा चुका है. लेकिन विद्यार्थियों के भविष्य की तरफ सरकार, प्रशासन और जनप्रतिनिधि किसी का भी ध्यान नहीं है. ग्रामीणों का आरोप है कि तीन से चार अध्यापक स्कूल की निजी गतिविधि में उलझ जाते हैं. शेष अध्यापक अध्यापन के नाम पर खानापूर्ति करते रहते हैं.

Last Updated : Aug 22, 2022, 11:23 PM IST

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