विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा. धौलपुर.मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर से सटा राजस्थान का आखिरी जिला धौलपुर की सियासत हमेशा उतार-चढ़ाव वाली रही है. आगामी विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़े राजस्थान में बिछाई जा रही सियासी चौसर के बीच धौलपुर की राजनीतिक जमीन पर भी तपिश बढ़ने लगी है. जिले की चारों विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस-भाजपा के साथ ही दूसरे राजनीतिक दल जमीन तैयार करने में लगे हैं. इस बीच आज हम आपको धौलपुर जिले की बाड़ी विधानसभा सीट का लेखाजोखा बता रहे हैं.
बाड़ी विधानसभा सीट पर शुरुआत से राजनीति के नए-नए रूप देखने को मिलते रहे हैं. इस सीट पर जहां कांग्रेस और भाजपा के विधायकों का कब्जा रहता आया है, वहीं, बसपा जैसी पार्टयों को भी यहां से खाता खोलने का मौका मिलता रहा है. साथ ही इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों को भी जनता चुनकर विधानसभा भेज चुकी है. वर्तमान में बाड़ी विधानसभा सीट से कांग्रेस से गिर्राज सिंह मलिंगा विधायक हैं. पिछले 15 साल से मलिंगा ही इस सीट पर विधायकी का ताज पहने हुए हैं. वर्ष 2008 में बसपा की टिकट पर बाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले मलिंगा ने राजनीति के पिच पर 2018 में हैट्रिक मारी है.
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उन्हें इस बात की उम्मीद भी है कि वे इसी सीट से राजनीति का 'चौका' भी मारेंगे. लगातार तीन बार इस सीट पर चुनाव जीतने के बाद अब गिर्राज सिंह मलिंगा पूरे आत्मविश्वास के साथ चौथी जीत का दावा कर रहे हैं. वहीं, मलिंगा के विरोध में खड़े नेताओं ने भी पूरी ताकत लगाते हुए सीट पर कब्जा जमाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं. पिछले दो दशक में बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस, भाजपा एवं बसपा तीनों पार्टी के विधायकों को मौका मिला है. बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं की बदौलत जहां राजस्थान का राजनीतिक रिवाज बदलने का दावा कर रही है, वहीं, भाजपा, बसपा समेत दूसरे दल कर्जमाफी, कानून व्यवस्था, महिला अत्याचार समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने में जुटे हैं.
2008 में मलिंगा का राजनीतिक करियर हुआ शुरूः वर्तमान विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने वर्ष 2008 में राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. तत्कालीन समय पर उन्होंने बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ा था. मलिंगा ने कांग्रेस से चार बार जीते दिग्गज विधायक दलजीत सिंह चीकू एवं तत्कालीन समय के भाजपा विधायक जसवंत सिंह को हराकर सभी को चौंका दिया था. इस जीत से उत्साहित गिर्राज सिंह मलिंगा ने राजनीतिक पथ पर फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2008 में अशोक गहलोत सरकार को समर्थन देकर कांग्रेस में शामिल हो गए. तभी से बाड़ी विधानसभा सीट गिर्राज सिंह मलिंगा के कब्जे में आ गई. भाजपा और बहुजन समाज पार्टी पिछले 15 साल से गिर्राज सिंह मलिंगा को पटखनी देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हर बार असफल रहे हैं.
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दलजीत सिंह चीकू राजनीति से दूरः बाड़ी विधानसभा सीट पर पूर्व विधायक दलजीत सिंह चीकू का 20 साल तक कब्जा रहा है. दलजीत सिंह चीकू बाड़ी विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रह चुके हैं. गिर्राज सिंह मलिंगा वर्ष 2008 से पहले दलजीत सिंह चीकू के विश्वासपात्र कार्यकर्ता माने जाते थे, लेकिन दलजीत सिंह चीकू एवं गिर्राज सिंह मलिंगा की अनबन हो गई और वर्ष 2008 के चुनाव में गिर्राज सिंह मलिंगा बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे. मलिंगा ने दलजीत सिंह चीकू को हरा दिया. मलिंगा ने भारी मतों से जीत दर्ज कर दलजीत सिंह चीकू की जमानत जब्त कर दी. वर्ष 2008 में कांग्रेस सरकार के अल्पमत में आने पर गिर्राज सिंह मलिंगा समेत बसपा के छह विधायकों ने अशोक गहलोत को समर्थन दे दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए. तत्कालीन समय पर कांग्रेस सरकार ने गिर्राज सिंह मलिंगा को संसदीय सचिव अर्थात राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया था. वर्ष 2008 के चुनाव के बाद ही दलजीत सिंह चीकू का राजनीतिक करियर खत्म हो गया और वे राजनीति से दूर चले गए.
सीधे मुकाबले में हो सकती हैं मुश्किलेंः बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 विधानसभा चुनावों की बात की जाए तो त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला है. माली, राजपूत एवं गुर्जर समाज का मतदाता खासा दखल रखता है. इन 3 कौम के नेता पिछले 3 विधानसभा चुनाव से भाग्य आजमा रहे हैं. मलिंगा को पटखनी देने के लिए माली एवं गुर्जर समाज के लोग हमेशा मैदान में उतरते रहे हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो माली या गुर्जर समाज से एक प्रत्याशी खड़ा होगा तो सीधे मुकाबले में गिर्राज सिंह मलिंगा के लिए भारी मुश्किलें खड़ी हो सकती है.
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जसवंत सिंह से रहा है मुकाबलाःबाड़ी विधानसभा क्षेत्र के पिछले तीन चुनावों में वर्तमान विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा एवं बीजेपी के पूर्व विधायक जसवंत सिंह गुर्जर के मध्य मुकाबला देखने को मिलता रहा है. दोनों राजनीतिक तौर पर धुर विरोधी माने जाते हैं, लेकिन लगातार तीन बार चुनाव हार चुके पूर्व विधायक जसवंत सिंह को भाजपा टिकट देकर दांव खेलेगी या नहीं यह वक्त तय करेगा. राजनीति के जानकारों का मानना है कि अगर जसवंत सिंह का टिकट इस बार कटता है तो निश्चित तौर पर बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में समीकरण चौकानेवाले बनेंगे.
जसवंत सिंह गुर्जर व पूर्व प्रधान पूरन सिंह गुर्जर. पूर्व प्रधान पूरन सिंह गुर्जर भी ठोक रहे दावेदारीः भाजपा के कद्दावर नेता एवं पूर्व प्रधान पूरन सिंह गुर्जर बाड़ी विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी ठोक रहे हैं. गुर्जर समाज का बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में दखल रखता है. जसवंत सिंह गुर्जर के साथ पूरन सिंह गुर्जर को भी गुर्जर समाज का मुख्य नेता माना जाता है. भाजपा पार्टी में संगठन एवं अन्य गतिविधियों में महत्वपूर्ण भागीदारी देखी जाती है. ऐसे में जसवंत सिंह गुर्जर के लिए पूरन सिंह गुर्जर भी मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं.
यह है जातिगत समीकरणः बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 221306 हैं, जिनमें पुरुष मतदाता 118898 व स्त्री मतदाता 102408 हैं. इस सीट पर माली समाज के करीब 35 हजार, राजपूत 29902, ब्राह्मण 14398, वैश्य 8185 मतदाता हैं. इसी प्रकार गोस्वामी 4385, जाटव 31618, गुर्जर 24737, मुस्लिम 14077, कोली 5495, त्यागी 4587, नाई 2299, बघेल 6198, रजक 2672, जाट 2135, कुम्हार 2685, मीणा 5474, लोधा 11698, मेहतर 1156, अन्य 6565 मतदाता हैं.
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कांग्रेस ने 10 बार जीता चुनावः बाड़ी विधानसभा सीट पर आजादी के बाद से अब तक 15 बार हुए विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक 10 बार कांग्रेस को जीत हासिल हुई है. वहीं, इसके बाद तीन बार निर्दलीय, एक बार भाजपा व एक बार बसपा को जीत हासिल हुई है. इस सीट पर 1952 में हुए चुनाव में कांग्रेस से हंसराम विजयी रहे. वहीं, 1957 में कांग्रेस से सूबेदार सिंह को जीत मिली, जबकि 1962 में निर्दलीय प्रत्याशी रघुवीर सिंह जीते. 1967 में कांग्रेस से बलवंत राम, 1972 में निर्दलीय रामलाल, 1977 में कांग्रेस से सालिगराम, 1980 में निर्दलीय शिव सिंह, 1985 में कांग्रेस से दलजीत सिंह विजयी रहे. वहीं, 1990 व 1993 में कांग्रेस से दोबारा दलजीत सिंह विजयी रहे. 1998 में भाजपा के टिकट पर जसवंत सिंह विजयी रहे. इसके बाद 2003 में दोबारा कांग्रेस से दलजीत सिंह चुनाव जीते. 2008 में बसपा की टिकट पर गिर्राज सिंह मलिंगा चुनाव जीते. इसके बाद 2013 व 2018 में भी गिर्राज सिंह मलिंगा कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते हैं.
पिछले चार चुनावों के परिणाम. पिछले चार चुनावों का हाल
- वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से दलजीत सिंह एवं बीजेपी के जसवंत सिंह गुर्जर के मध्य मुकाबला हुआ था. इस मुकाबले में कांग्रेस को 46482, बीजेपी को 44502 मत मिले थे. कांग्रेस के दलजीत सिंह ने जसवंत सिंह गुर्जर को 1980 मतों से हराया था.
- साल 2008 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी के गिर्राज सिंह मलिंगा को 35 हजार 895 मत मिले. वहीं, भारतीय जन शक्ति पार्टी(उमा भारती) के जसवंत सिंह गुर्जर को 32 हजार 965 मत, बीजेपी के शिवराम कुशवाह को 30 हजार 17 मत और कांग्रेस के दलजीत सिंह को आठ हजार 776 मत मिले थे. गिर्राज सिंह ने जसवंत सिंह को 2930 मतों से हराया था.
- साल 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के गिर्राज सिंह मलिंगा को 53 हजार 482 मत मिले थे. बीजेपी के जसवंत सिंह गुर्जर को 50 हजार 681 मत, बीएसपी के दौलतराम कुशवाह को 38071 मत मिले थे. गिर्राज सिंह ने जसवंत सिंह को 2801 मतों से हराया था.
- साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के गिर्राज सिंह मलिंगा को 79 हजार 712 मत मिले थे. बीजेपी के जसवंत सिंह गुर्जर को 60 हजार 29 मत और बीएसपी के रामहेत को 36 हजार 798 मत मिले थे. गिर्राज सिंह ने जसवंत सिंह को 19683 मतों से हराया था.
मलिंगा बोले, विकास के दम पर चुनाव जीतूंगाः गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में ऐतिहासिक काम कराए हैं. उनका दावा है कि डांग क्षेत्र को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए 850 करोड़ की काली तीर चंबल लिफ्ट परियोजना स्वीकृत कराकर विधानसभा क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत दी है. उन्होंने कहा जनता का आशीर्वाद तीन बार मिल चुका है, चौथी बार चुनाव जीतकर चौका लगाएंगे. उन्होंने कहा विरोधियों के पास कोई भी चुनावी मुद्दा नहीं है. जनता के बीच में रहता हूं, आगामी विधानसभा चुनाव में विकास के बल पर चौथी बार फतह मिलेगी.
जसवंत सिंह बोले, मलिंगा ने खुद का किया विकासःपूर्व विधायक जसवंत सिंह गुर्जर ने कहा विगत 5 साल के शासनकाल में विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने खुद का विकास किया है. जितने भी विकास के काम हुए हैं, उनमें कमीशन की भरमार रही है. उन्होंने कहा आगामी विधानसभा चुनाव में जनता सूद समेत हिसाब देगी. भाजपा पार्टी बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल करेगी.