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Rajasthan Election 2023 : धौलपुर जिले के इन कांग्रेसी विधायकों का टिकट माना जा रहा तय, भाजपा में अधिकांश होंगे नए चेहरे

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 19, 2023, 7:28 AM IST

Dholpur Political Condition, राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की पहली सूची का इंतजार है, जबकि भाजपा अपनी पहली सूची जारी कर चुकी है. बात धौलपुर जिले की करें तो यहां तीन कांग्रेसी विधायकों का टिकट तय माना जा रहा है, लेकिन बसेड़ी में पेंच फंसा है. जबकि भाजपा अधिकांश नए चेहरों पर दांव खेल सकती है. देखिए ये रिपोर्ट...

Rajasthan Election 2023
धौलपुर में कांग्रेस और भाजपा की स्थिति

धौलपुर. राजस्थान में चुनावी चर्चा जोरों पर है. जयपुर से लेकर दिल्ली तक प्रत्याशियों के चयन पर मंथन चल रहा है. धौलपुर जिले की चारों विधानसभा से कांग्रेस और भाजपा के किसी भी प्रत्याशी की आधिकारिक घोषणा नहीं होने से जिले का चुनावी माहौल ठंडा पड़ा हुआ है. न कोई सभा और न ही कोई रैली, यहां तक कि गांव और गली-मोहल्लों में भी जनसंपर्क अभियान एकदम शांत है. वजह, अभी तक किसी भी पार्टी के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं होना है. अधिकांश दावेदार क्षेत्र छोड़कर टिकट के जुगाड़ में दिल्ली और जयपुर में डेरा डाले हुए हैं.

टिकट को लेकर लोग गांव-गांव चौपालों पर हवाई घोड़े दौड़ाने और प्रत्याशियों की घोषणा का टकटकी लगाए इंतजार कर रहे हैं. खासकर भाजपा प्रत्याशियों की आने वाली सूची को लेकर संभावित दावेदारों, कार्यकर्ताओं और क्षेत्र की जनता को बेसब्री से इंतजार है. लोगों को इंतजार है कि मौजूदा विधायकों के सामने भाजपा किसे प्रत्याशी बनाकर उतारती है. हालांकि, विधानसभा चुनाव को लेकर जिले में बहुजन समाज पार्टी धौलपुर से पूर्व सभापति रितेश शर्मा को प्रत्याशी घोषित कर चुकी है, लेकिन बाकी पार्टियों में प्रत्याशी चयन में हो रहे बिलंब ने नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं की धड़कनें बढ़ा रखी है. अनुमान और अफवाहों के बाजार में रोजाना टिकट मिलने और कटने की चर्चा तेज हो गई है.

मलिंगा की काट ढूंढने में जुटा भाजपा आलाकमान

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प्रत्याशी चयन को लेकर उलझन में भाजपा : भाजपा की टिकटों को लेकर जिले में सबसे ज्यादा स्थिति उलझी हुई है, जबकि कांग्रेस में प्रत्याशियों को लेकर स्थिति लगभग साफ है. देखा जाए तो टिकट को लेकर लंबे हो चले इंतजार में दावेदारों के हाथों से चुनाव प्रचार का समय दिनोंदिन निकलता जा रहा है. हालात ऐसे हैं कि टिकट के जुगाड़ में नेताओं को फील्ड छोड़कर जयपुर और दिल्ली में पड़ाव डालना पड़ रहा हैं. दिल्ली और जयपुर के लिए हो रही भागमभाग और क्षेत्र से नेताओं के गायब होने से चुनावी रंगत फीकी पड़ी हुई है. लोगों की मानें तो चुनाव के नाम पर क्षेत्र में कुछ बचा है तो वह लोगों के बीच टिकट की चर्चा है.

मलिंगा की काट ढूंढने में जुटा भाजपा आलाकमान, कई नामों पर चर्चा : बाड़ी विधानसभा सीट प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. यहां पिछले तीन बार से मौजूदा विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और पूर्व विधायक जसवंत गुर्जर के बीच चुनावी जंग लड़ी जा रही है. जसवंत सिंह को हर बार शिकस्त मिल रही है. इस बार भी समीकरण पहले की तरह मिलते-जुलते दिखाई पड़ रहे हैं. गिर्राज सिंह मलिंगा को कांग्रेस से टिकट मिलना तय है. उधर भाजपा में प्रत्याशी चयन को लेकर जद्दोजहद देखी जा रही है. लगातार तीन बार से चुनाव जीत रहे वर्तमान विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की काट ढूंढने के लिए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बारीकी से प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में उलझा हुआ है. बाड़ी से भाजपा के टिकट की कतार में 4 बार से लगातार चुनाव हार रहे पूर्व विधायक जसवंत गुर्जर की फिर से मजबूत दावेदारी बताई जा रही है, लेकिन उनका लगातार 4 बार से हारना और पिछली बार करीब 20 हजार के अंतर की हार उनकी राह में रोड़े अटका रही है.

टिकट के दावेदार

इसके बावजूद, गुर्जर आलाकमान को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि बाड़ी में मलिंगा को कोई टक्कर दे सकता है तो सिर्फ वही दे सकते हैं. दूसरी ओर भाजपा से टिकट की कतार में दावा ठोक रहे कुशवाह समाज के 5 प्रत्यशियों ने आलाकमान तक यह मैसेज पहुंचाने की कोशिश की है कि विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ा वोट बैंक होने के कारण कुशवाह समाज की दावेदारी स्वाभाविक है. इस बार उन्हें भाजपा से टिकट मिलता है तो पार्टी के कोर वोट के साथ उनका चुनाव जीतना आसान हो जाएगा है. कुशवाह दावेदारों का तर्क है कि पिछले चुनाव में पूर्व विधायक जसवंत सिंह को चौथी बार जो हार मिली, उसका अंतर 20 हजार के आसपास था. ऐसे में पूर्व विधायक के स्थान पर समाज के 5 दावेदारों में से किसी एक को बाड़ी से टिकट दिया जाए तो चुनाव जीता जा सकता है.

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धौलपुर, बाड़ी और राजाखेड़ा में कांग्रेस की स्थिति साफ, बसेड़ी में पेंच फंसा : जिले की धौलपुर, बाड़ी और राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति लगभग साफ मानी जा रही है. धौलपुर से भाजपा से निष्कासित विधायक शोभा रानी कुशवाह, बाड़ी से गिर्राज सिंह मलिंगा और राजाखेड़ा से रोहित बोहरा की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है. लेकिन बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र में पेंच फंसा हुआ है. वर्तमान विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा के सामने टिकट हथियाने के लिए लोकसभा प्रत्याशी रहे संजय जाटव मैदान में उतर चुके हैं. खिलाड़ी लाल बैरवा को सचिन पायलट गुट का माना जाता है. सूत्रों की मानें तो प्रदेश के शीर्ष नेता भी खिलाड़ी लाल बैरवा की टिकट कटवाने में लगे हुए हैं, लेकिन बैरवा को टिकट दिलाने के लिए सबसे अधिक पैरवी सचिन पायलट कर रहे हैं.

भाजपा में हो सकते हैं नए चेहरे : जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र में भाजपा नए चेहरों के साथ चुनावी मैदान में उतर सकती है. राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री वर्मा लाल शर्मा की पुत्रवधू नीरजा शर्मा की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है. लेकिन धौलपुर, बाड़ी और बसेड़ी में अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है. हालांकि, धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से शोभारानी कुशवाहा के सगे जीजा डॉक्टर शिवचरण कुशवाह भाजपा से प्रत्याशी हो सकते हैं. बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में चार बार चुनाव हार चुके जसवंत सिंह गुर्जर मजबूती से दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन पार्टी आलाकमान नए चेहरों को वरीयता दे सकता है. बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र में पूर्व विधायक सुखराम कोली, पूर्व विधायक रानी सिलोटिया के साथ उषा जाटव भी टिकट पाने की कोशिश कर रही हैं.

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