धौलपुर.प्रदेश में विधानसभा चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के लिए कहीं फायदा तो कहीं घाटे का सौदा साबित हो रहा है. दोनों पार्टियों के बागी नेता और टिकट को लेकर उलट फेर ने राजनीतिक समीकरण भी बदल दिए हैं. सबसे हॉट सीट धौलपुर विधानसभा क्षेत्र और बाड़ी में ऐसा ही सियासी घमासान देखा जा रहा है. धौलपुर में जीजा डॉक्टर शिवचरण कुशवाहा और उनकी साली शोभा रानी कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं. दोनों जीजा-साली ने पार्टियों की अदला-बदली की है. यही हालत बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में बन चुके हैं. कांग्रेस के गिर्राज सिंह मलिंगा भाजपा में शामिल हो गए, वहीं भाजपा के प्रशांत परमार ने कांग्रेस से दावेदारी कर सभी को चौंका दिया है. खिलाड़ी लाल बैरवा ने निर्दलीय नामांकन कर बसेड़ी की राजनीति में नया ट्विस्ट पैदा कर दिया है.
धौलपुर में जीजा साली की टक्कर :धौलपुर विधानसभा क्षेत्र में चेहरे वहीं हैं, लेकिन पार्टियां अलग-अलग हैं. भाजपा को छोड़ शोभारानी कुशवाहा कांग्रेस और कांग्रेस को छोड़ डॉ. शिवचरण कुशवाहा बीजेपी से चुनावी समर में हैं. दोनों जीजा-साली में टक्कर कांटे और वर्चस्व की देखी जा रही है. इस बीच पूर्व सभापति रितेश शर्मा ने बहुजन समाज पार्टी से टिकट लेकर दोनों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. धौलपुर का मुकाबला त्रिकोणीय बनता जा रहा है. हार-जीत का मार्जिन भी काफी कम अंतर से देखा जाएगा. वर्ष 2018 के चुनाव में भी डॉ. शिवचरण कुशवाहा और शोभारानी का मुकाबला हुआ था. तत्कालीन समय पर डॉ. कुशवाहा कांग्रेस और शोभारानी बीजेपी से थीं.
पढ़ें. कांग्रेस का हाथ छोड़कर गिर्राज मलिंगा ने थामा भाजपा का दामन, कहा- हमें चुन-चुनकर किया गया टारगेट
बाड़ी विधानसभा में भी बदले समीकरण :धौलपुर की भांति बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के भी राजनीतिक हालात बदल चुके हैं. कांग्रेस के गिर्राज सिंह मलिंगा ने भाजपा का दामन थाम कर चुनावी समर में ताल ठोकी है. वहीं, भाजपा से टिकट मांग रहे प्रशांत सिंह परमार ने कांग्रेस से टिकट हासिल कर सभी को चौंका दिया है. इन दोनों सजातीय उम्मीदवारों के मध्य बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी और पूर्व विधायक जसवंत सिंह गुर्जर ने चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. हालांकि, वर्ष 2008 से गिर्राज सिंह मलिंगा का बाड़ी सीट पर वर्चस्व और दबदबा रहा है. मलिंगा लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन भाजपा में शामिल होने से निश्चित तौर पर उनके समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं. भाजपा का पारंपरिक वोट उनके साथ जुड़ा है तो वहीं, कांग्रेस के पारंपरिक वोट के खिसकने की संभावना दिखाई दे रही है. पूर्व के चुनावों की बात की जाए तो गिर्राज सिंह मलिंगा और जसवंत सिंह गुर्जर के मध्य लगातार मुकाबला देखने को मिलता रहा है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो पूर्व की भांति इस चुनाव में भी रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा.
पढ़ें. Rajasthan assembly Election 2023 : धौलपुर में फिर होगा जीजा-साली का रोचक मुकाबला! भाजपा की दूसरी सूची में शिवचरण कुशवाह प्रत्याशी घोषित
कांग्रेस के बागी खिलाड़ी लाल बैरवा ने फंसाया पेच :अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुटबाजी का शिकार हुए खिलाड़ी लाल बैरवा ने टिकट कटने पर बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर टाल ठोक दी है. सैकड़ों कार्यकर्ताओं को साथ लेकर कांग्रेस के संजय जाटव के लिए चुनावी राह को कठिन बना दिया है. इसका राजनीतिक फायदा भाजपा के सुखराम कोली को मिल सकता है.
राजाखेड़ा में चल सकती है 'सिंपथी' की लहर :राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में दो राजनीतिक कद्दावर परिवारों के मध्य वर्चस्व की लड़ाई देखी जा रही है. भाजपा से पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा की पुत्रवधू नीरजा अशोक शर्मा और कांग्रेस से पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह के पुत्र विधायक रोहित बोहरा चुनावी मैदान में हैं. दोनों परिवार की पुरानी राजनीतिक पकड़ और वजूद रहा है. वर्ष 2018 के चुनाव में नीरजा शर्मा के पति अशोक शर्मा से रोहित बोहरा का मुकाबला हुआ था. तत्कालीन समय पर चुनावी सफलता रोहित बोहर के हाथ लगी थी. करीब 1 वर्ष पूर्व अशोक शर्मा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. इसके बाद उनकी पत्नी नीरजा शर्मा ने कमान संभाली है. नीरजा शर्मा के प्रति लोगों की सहानुभूति (सिंपथी) देखी जा रही है. इसके अलावा पूर्व जिला प्रमुख डॉक्टर धर्मपाल ने बहुजन समाज पार्टी से चुनाव में पेंच फंसा दिया है.