धौलपुर. जिले में पिछले 3 दिन से लगातार पड़ रही कड़ाके की सर्दी और पाले से रबी की फसल सहम गई है. सरसों और आलू के फसल में शुरुआत में नुकसान की संभावना दिखाई दे रही है. हालांकि गेहूं की फसल में सर्दी काफी लाभकारी मानी जा रही है.
किसान खेतों पर कड़ाके की सर्दी में मेहनत कर सर्दी और पाले से फसल को बचाने की जुगत में लगा हुआ है. उधर कृषि विभाग के इंतजाम नाकाफी साबित होते दिख रहे हैं. फसल बचाव के उपाय बताने में संबंधित विभाग नाकाम साबित हो रहा है. अगर इसी तरह सर्दी का सितम और फसल पर पाला पड़ता रहा तो किसानों के लिए मुसीबत बड़ी खड़ी हो सकती है.
पढ़ेंःघनश्याम तिवाड़ी के बाद अब इस वरिष्ठ नेता की होगी भाजपा में घर वापसी, निकलेगा पलाड़ा दंपती का तोड़
पिछले 3 दिनों से जिले में पड़ रही कड़ाके की सर्दी और पाले ने आमजन के साथ किसानों को झकझोर दिया है. आमजन की दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है. सर्द हवाओं ने लोगों को घरों में कैद करने के लिए मजबूर कर दिया है. पिछले 3 दिन से जिले में लगातार पाला पड़ रहा है. जिससे रबी फसल में नुकसान की संभावना दिखाई दे रही है. शुरुआती तौर पर सरसों और आलू की फसल पाली से भारी प्रभावित हुई है.
हालांकि नुकसान अभी ज्यादा नहीं देखा जा रहा है, लेकिन कड़ाके की सर्दी और पाले का सितम इसी तरह से जारी रहा तो सरसों और आलू दोनों फसलों में भारी नुकसान हो सकता है. उधर गेहूं और मटर फसल के लिए सर्दी उपयोगी मानी जा रही है. रबी की चारों फसलों का मौसम के मुताबिक अलग-अलग मिजाज रहता है. सरसों और आलू मैं पालें से नुकसान होता है. किसानों ने बताया पिछले 3 दिनों से सर्द हवाओं के साथ पाला पड़ रहा है.