धौलपुर. मंगलवार को भारत सरकार के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट से अधिकांश लोगों को निराशा हाथ लगी है. बजट को लेकर धौलपुर में हालांकि कई प्रकार की प्रतिक्रियाएं देखी जा रही है, लेकिन अधिकांश समाज के लोगों ने इस बजट को निराशाजनक बताया है.
बजट सिर्फ अमीर लोगों के लिए हितकारी :पूर्व सरपंच महेश शर्मा ने कहा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक महिलाएं हैं, फिर भी उन्होंने महिलाओं की अनदेखी की है. रसोई गैस के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे आमजन को भारी परेशानी हो रही है. महंगाई गरीब एवं मध्यम वर्ग की कमर तोड़ रही है. उसके अलावा व्यापारी भी दुखी है. उन्होंने बजट को सिर्फ अमीर लोगों के लिए हितकारी माना है.
यह भी पढ़ें- Union Budget 2022 Reactions : हैंडीक्राफ्ट व्यवसायी निराश, अपनी सरकार से जोधपुर को कुछ नहीं दिलवा पाए केंद्रीय मंत्री शेखावत
बजट पूरी तरह से निराशाजनक :दिनेश शर्मा ने कहा कि निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट से देश को निराशा हाथ लगी है. देश का अन्नदाता किसान पूरी तरह से बर्बाद हो रहा है. खाद यूरिया नसीब नहीं हो रहा है. बजट से आमजन के साथ किसान मजदूर मध्यम वर्ग एवं गरीब किसी को भी राहत नहीं मिली है. ऐसे में यह बजट पूरी तरह से निराशाजनक है.
यह भी पढ़ें- केंद्रीय बजट पर एक्सपर्ट आंकलन : लांग टर्म के लिहाज से अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाला बजट, लेकिन मिडिल क्लास को मिली निराशा
गरीब और गरीब होगा एवं अमीर की बढ़ेगी आमदनी :पूर्व रिटायर तहसीलदार सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि देश के लोगों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से (Expections From Union Budget 2022) बड़ी उम्मीद थी. लेकिन आज पेश किया गया बजट पूरी तरह से खोखला है. इस बजट से गरीब और गरीब होगा एवं अमीर की आमदनी बढ़ेगी. अधिकांश लोगों को निर्मला सीतारमण के सेट किए गए बजट को लेकर निराशा जाहिर की जा रही है.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मिनी कार्यकर्ता और आशा वर्करों की उपेक्षा :अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ ने बजट को निराशाजनक बताया है. संघ की ओर से कहा गया है कि बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मिनी कार्यकर्ता और आशा वर्करों की पूरी तरह से उपेक्षा की गई है. संघ के संरक्षक छोटे लाल बुनकर ने कहा सभी महिला कर्मचारियों को उम्मीद थी कि केंद्र के बजट में उनका मानदेय बढ़ा जाएगा और सेवा की शर्तों में भी सुधार किया जाएगा. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. आशा वर्कर महिला एवं बाल विकास विभाग के अलावा चिकित्सा विभाग में भी काम कर रही है. दो-दो विभागों में काम करने के बावजूद भी बजट में उनको निराश करना समझ से परे है.
अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ ने बजट को बताया निराशाजनक आंगनबाड़ी केंद्रों को अपग्रेड करने की घोषणा :केंद्रीय बजट में आशा वर्करों को प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी, केंद्रीय सूची में शामिल करने और मानदेय के बदले वेतन देने की भी उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की. बजट में 2 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों को अपग्रेड करने की घोषणा की गई है, लेकिन आंगनवाड़ी केंद्र को किस तरह से अपग्रेड किया जाएगा इसका कोई खुलासा नहीं किया है. बुनकर ने देश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा वर्करों से एकजुट होकर सरकार का विरोध करने की अपील की. उन्होने सभी राज्यों से अपील की है कि अपने प्रस्तावित बजट में इन महिला वर्करों के मानदेय में वृद्धि की जाए.