राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

धौलपुर में नए कृषि बिल का विरोध, व्यापारियों में आक्रोश - agricultural produce market remained closed

पूरे राजस्थान में इन दिनों कृषि से जुड़े तीन विधेयक का विरोध किया जा रहा है. जिसे लेकर आज यानी राजस्थान की समस्त कृषि मंडियां बंद हैं, जिसका असर धौलपुर में भी देखा गया. जहां व्यापारियों ने केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरोध में मंडी बंद रखी है.

धौलपुर की कृषि उपज मंडी बंद, Agricultural produce market closed
धौलपुर की कृषि उपज मंडी बंद

By

Published : Sep 21, 2020, 3:20 PM IST

Updated : Sep 21, 2020, 7:59 PM IST

धौलपुर. केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र में कृषि से जुड़े तीन विधेयक लोकसभा में पारित किए हैं. जिनका विपक्षी दलों सहित किसान, आमजन और व्यापारियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. कृषि अध्यादेश के विरोध में सोमवार को राजस्थान की समस्त कृषि मंडियां बंद हैं, जिसका असर धौलपुर में भी देखा गया है. जिला मुख्यालय की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी भी सोमवार को व्यापारियों ने केंद्र सरकार के अध्यादेश के विरोध में बंद रखी है. व्यापारियों ने सामूहिक रूप से हड़ताल का समर्थन किया है और मंडी में माल की खरीद फरोख्त पूरी तरह से बंद रही.

धौलपुर की कृषि उपज मंडी बंद

इक्का-दुक्का किसान अपने अनाज को लेकर मंडी में विक्रय करने के लिए पहुंचे. लेकिन मंडी में हड़ताल होने पर किसानों को बैरंग लौटना पड़ा. मंडी व्यापारियों ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि विधेयक को व्यापारी, आड़तिया और किसानों का विरोधी बताया है. व्यापारियों ने कृषि अध्यादेश विधेयक को काला कानून बताते हुए केंद्र सरकार का जमकर विरोध किया है.

पढ़ेंःपूनिया का डोटासरा से सवाल, पूछा- जिस बात का विरोध कर रहे हो, क्या यह आपके 2019 के घोषणा पत्र में नहीं है ?

गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार ने लोकसभा में कृषि से जुड़े तीन विधेयक पारित किए हैं. पारित किए हुए विधायकों का अब विरोध होना शुरू हो गया है. कृषि अध्यादेश के विरोध में राजस्थान की समस्त मंडियां सोमवार से बंद है. जिसका असर जिले की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी में भी देखा गया.

कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने सामूहिक रूप से हड़ताल का समर्थन करते हुए अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखा. मंडी के अंदर माल की खरीद-फरोख्त और क्रय विक्रय पूरी तरह से बंद रहा. मंडी प्रांगण में पल्लेदार और मजदूर बिना काम के बैठे रहे.

व्यापारियों की आड़त पर सन्नाटा पसरा रहा. इक्का-दुक्का किसान जरूर मंडी प्रांगण में अनाज को लेकर पहुंचे. जिन्हें माल की बिना बिक्री किए हुए बैरंग लौटना पड़ा. कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने बताया केंद्र सरकार ने जो कृषि अध्यादेश जारी किया है, वह किसान व्यापारी और मंडी व्यापारियों का विरोधी है.

केंद्र सरकार के इस अध्यादेश से मंडिया खत्म हो जाएंगी. मंडियों में माल का क्रय विक्रय और खरीद-फरोख्त बंद होने से व्यापारियों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा. इसके साथ ही किसान भी इस अध्यादेश से नेस्तनाबूद हो जाएगा. कृषि उपज मंडी में जब किसान अनाज का विक्रय करता है, तब व्यापारियों में प्रतिस्पर्धा रहती है. जिसका सबसे अधिक लाभ किसान को मिलता है.

किसान को अपने माल की अच्छी कीमत मंडी के माध्यम से प्राप्त होती है. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया कृषि अध्यादेश व्यापारी और किसानों का विरोधी है. इस बिल से किसान और व्यापारी पूरी तरह से गर्त में चले. सोमवार को राजस्थान प्रदेश में कृषि अध्यादेश बिल को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त है.

पढ़ेंःराज्यसभा में कृषि से जुड़े विधेयक पारित होने पर भड़के डोटासरा, ट्विटर पर किया कटाक्ष

राजस्थान प्रदेश के समस्त व्यापारियों ने कृषि मंडियों के बंद का आह्वान किया है. जिसके समर्थन में धौलपुर जिला मुख्यालय की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी भी हड़ताल पर रही है. व्यापारियों ने मंडी के अंदर माल की खरीद फरोख्त का बहिष्कार कर केंद्र सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश व्यक्त किया है. मंडी व्यापारियों ने चेतावनी देते हुए कहा, कि केंद्र सरकार ने कृषि अध्यादेश बिल को वापस नहीं लिया तो व्यापारी आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.

बाड़ी कृषि उपज मंडी रही बंद

बाड़ी कृषि उपज मंडी रही बंद

धौलपुर जिले के बाड़ी उपखंड पर सोमवार को कृषि विधेयक के विरोध में स्थानीय कृषि उपज मंडी में हड़ताल रहा. हड़ताल से बेखबर कुछ किसान अपनी फसल बेचने मंडी पहुंचे. ऐसे में हड़ताल के चलते उन्हें बैरंग लौटना पड़ा. वहीं कृषि उपज मंडी परिसर में पल्लेदार और मजदूरों को बिना काम के बैठना पड़ा.

मंडी व्यापारियों की हड़ताल के चलते आड़त पर भी सन्नाटा पसरा रहा. बता दें कि केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र में कृषि से जुड़े तीन विधेयक लोकसभा में पारित किया हैं. जिनका विपक्षी दलों सहित किसान, आमजन और व्यापारियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. कृषि अध्यादेश के विरोध में सोमवार को राजस्थान की समस्त कृषि मंडिया बंद है. जिसका असर धौलपुर जिलेभर की कृषि उपज मंडियों में भी देखा गया है.

व्यापारियों ने कृषि अध्यादेश विधेयक को काला कानून बताते हुए केंद्र सरकार का जमकर विरोध किया है. जानकारी देते हुए कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा रविवार को राज्यसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरली- करण) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता विधेयक 2020 लागू कर कृषि अध्यादेश जारी किया है.

यह अध्यादेश किसान व्यापारी और मंडी व्यापारियों का विरोधी है. केंद्र सरकार के इस अध्यादेश से जहां मंडियां बंद होने के कगार पर पहुंचेगी. वहीं मंडियों में माल का क्रय विक्रय और खरीद-फरोख्त बंद हो जाएगा. व्यापारियों का भविष्य अंधकार में चला जाएगा. कृषि उपज मंडी में जब किसान अनाज का विक्रय करता है, तब व्यापारियों में प्रतिस्पर्धा रहती है. जिसका सबसे अधिक लाभ किसान को मिलता है. किसान को अपने माल की अच्छी कीमत मंडी के माध्यम से ही प्राप्त होती है.

ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया कृषि अध्यादेश व्यापारी और किसानों का विरोधी है. इस बिल से किसान और व्यापारी पूरी तरह से गर्त में चले जाएंगे. ऐसे में सोमवार को राजस्थान प्रदेश में कृषि अध्यादेश बिल को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त है. जिसके चलते राजस्थान प्रदेश के समस्त व्यापारियों ने कृषि मंडियों के बंद का आह्वान किया है. जिसके समर्थन में बाड़ी उपखंड की कृषि उपज मंडी भी हड़ताल पर रही है.

पढ़ेंःहोमगार्ड जवान को बोनट पर घसीटते हुए ले गया कार चालक, देखें VIDEO

जिलेभर की कृषि उपज मंडियों में रही हड़ताल को लेकर कांग्रेसी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि किसानों को खुद को लग रहा हैं, कि यह बिल बहुत बड़ा दुखदायी हैं. सिर्फ उद्योगपतियों का काम हो रहा हैं, जो पैसे वाले लोग हैं. इस बजह से किसान इसका विरोध कर रहे हैं.

Last Updated : Sep 21, 2020, 7:59 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details