धाैलपुर. साल 2020 दुनियाभर के लिए मुसीबत से भरा रहा हो, लेकिन चंबल नदी में दुलर्भ घड़ियालों का कुनबा बढ़ने के लिए सुनहरा साल रहा. जिले की चम्बल नदी में घड़ियाल, मगरमच्छ और डॉल्फिन की बात करें तो सभी को लेकर खुशखबरी है. हो भी क्यों नहीं.
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विश्वभर में एक नदी चंबल ही ऐसी है जहां सबसे ज्यादा घड़ियाल पाए गए हैं. अगर इंडिया की बात करें तो भारत की मुख्य नदी जहां, घड़ियाल हैं, वहां भी एक चौथाई हिस्से के बराबर भी घड़ियाल नहीं हैं, जितने अकेले चंबल नदी में पल रहे हैं. यानि की चंबल में एक साल में 317 घड़ियाल बढ़कर 2176 घड़ियाल हो गए.
अच्छी बात ये भी रही कि घट रहे डॉल्फिन कुनबे में भी 14 नए सदस्यों का आगमन हुआ और इस बार इनकी संख्या 82 हो गई है. मगरमच्छों की संख्या भी 710 से बढ़कर 886 हुई. चंबल घड़ियाल अभयारण्य में घड़ियाल, मगरमच्छ और डॉल्फिन की गणना 1 फरवरी से पखवाड़ा तक हुई.