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स्पेशल: धौलपुर की 171 ग्राम पंचायतों में शुरू हुआ मनरेगा का काम, 37 हजार श्रमिकों को मिला रोजगार

वैश्विक महामारी कोरोना से ग्रामीण क्षेत्रों की पटरी से उतरी अर्थ व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए राज्य सरकार ने मनरेगा योजना की शुरुआत करा दी है. जिसके तहत धौलपुर की 171 ग्राम पंचायत में मनरेगा का काम शुरू हो चुका है. अब तक जिले के 37 हजार से अधिक मजदूरों को इसके तहत रोजगार मिला है. लेकिन 220 रुपये मजदूरी की कीमत को कम मानते हुए मजदूरों ने राशि को बढ़ाने की मांग की है.

MNREGA work started in dholpur, 220 rupees wages in MNREGA
171 ग्राम पंचायतों में शुरू हुआ मनरेगा का काम

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Published : May 12, 2020, 7:03 PM IST

धौलपुर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई. खासकर ग्रामीण अंचलों में लोगों को भारी परेशानी के दौर से गुजरना पड़ा है. ग्रामीण अंचल में अधिकांश परिवार ऐसे होते हैं, जो रोजाना मजदूरी कर परिवार का निर्वहन और पालन करते हैं. रोजाना मजदूरी कर दो वक्त की रोटी कमाने वाले दिहाड़ी मजदूरों का काम बंद होने से उन्हें रोटी के लिए भी मोहताज होना पड़ा.

काम करते श्रमिक

लेकिन अब पंचायती राज विभाग ने जिला प्रशासन को निर्देशित कर मनरेगा की शुरुआत करा दी है. जिसके बाद जिले की 171 ग्राम पंचायत में काम शुरू करवाया गया है. इसके अंतर्गत ग्रेवल सड़क, नहर की खुदाई, पोखर की खुदाई, तालाब की खुदाई सहित अन्य कामों को शुरू कराया गया है.

सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक मनरेगा श्रमिकों की ओर से काम किया जाता है. जिसमें महिला और पुरुष मनरेगा श्रमिक शामिल है. मनरेगा श्रमिकों ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से रोजगार पूरी तरह से बंद हो गए थे. आर्थिक स्थिति पूरी तरह से धराशाई हो गई थी. रोजगार नहीं होने से परिवार चलाने का कोई जरिया नहीं बचा था.

171 ग्राम पंचायतों में शुरू हुआ मनरेगा का काम

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लेकिन सरकार ने मनरेगा का काम शुरू करवा कर बड़ी राहत प्रदान की है. श्रमिकों ने बताया धूप और तपन अधिक होने से काम में भारी परेशानी हो रही है. मिट्टी की खुदाई काफी कड़ी मेहनत के बाद की जा रही है. मेहनत के मुताबिक सरकार की ओर से मजदूरी कम दी जा रही है. मनरेगा श्रमिकों ने मांग करते हुए कहा मौजूदा वक्त में सरकार की ओर से 220 रुपये मजदूरी दी जा रही है, जो महंगाई के दौर में नाकाफी साबित हो रही है.

श्रमिकों ने मजदूरी को बढ़ाकर 300 रुपये करने की मांग की है. मनरेगा श्रमिकों की ओर से पूरी तरह से नियमों का पालन किया जा रहा है. सरकार और प्रशासन की गाइडलाइन के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए सभी श्रमिक मास्क पहन कर कार्य कर रहे हैं. कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने कहा ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो चुकी थी.

खुदाई करता श्रमिक

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जिले की 171 ग्राम पंचायतों में काम की शुरुआत करा दी है. जिससे 37 हजार महिला और पुरुष श्रमिकों को मनरेगा में रोजगार दिया गया है. जिला प्रशासन आगामी समय में 50 हजार से अधिक मनरेगा श्रमिकों को रोजगार देगा. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत होगी.

कलेक्टर ने बताया स्वच्छ मिशन अभियान में 10 करोड़ और मनरेगा में 5 करोड़ों का भुगतान किया जा चुका है. दूसरे पखवाड़े के अंतर्गत मनरेगा श्रमिकों को 5 करोड़ का भुगतान और कराया जाएगा. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बदल जाएगी और फिर से लोग खुशहाल होंगे.

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