राजाखेड़ा(धौलपुर).शुक्रवार को देश गत वर्ष जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों की पहली बरसी मना रहा है. इस अवसर पर राजाखेड़ा उपखंड के गांव जैतपुर में जिला प्रशासन और सीआरपीएफ के अधिकारियों ने सीआरपीएफ जवान शहीद भागीरथ सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया, जहां प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.
पुलवामा का आतंकी हमले की बरसी पर प्रदेश भर में शहीदों को श्रद्धांजलि प्रतिमा के अनावरण के बाद सीआरपीएफ जवानों ने शहीद भागीरथ सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया, जिसके बाद धौलपुर जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल, पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा और अजमेर जोन के सीआरपीएफ कमांडेंट अर्जुन सिंह और राजाखेड़ा एसडीएम संतोष कुमार गोयल ने शहीद भागीरथ सिंह की प्रतिमा पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की.
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धौलपुर जिला कलेक्टर राकेश कुमार जयसवाल ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि शहीद भागीरथ सिंह के बलिदान को देश कभी नहीं भुला सकेगा. उन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसे आने वाली पीढ़ी हमेशा याद रखेगी.
वहीं जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने युवाओं को शहीद भागीरथ सिंह के बलिदान से प्रेरणा लेने की बात कहते हुए कहा कि एक वर्दीधारी के लिए देश की सेवा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देना गौरव की बात है. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ऐसे वीर सपूत के माता-पिता के साथ उनका पालन पोषण करने वाली इस जन्म भूमि को शत-शत नमन है, जिन्होंने ऐसे वीर सपूत को जन्म दिया.
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इसके बाद प्रशासन के अधिकारियों ने शहीद भागीरथ सिंह के पिता और उनकी पत्नी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. जिला कलेक्टर ने कहा कि प्रशासन सदैव शहीद भागीरथ सिंह के परिवार के साथ खड़ा है. अगर उनके परिवार को किसी भी तरह की कोई परेशानी होती है, तो वह बेझिझक होकर प्रशासन को अवगत कराएं.
बता दें कि गत वर्ष 14 फरवरी 2019 को देश के जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिनमें राजाखेड़ा उपखंड के गांव जैतपुर निवासी सीआरपीएफ जवान शहीद भागीरथ सिंह ने भी अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था.
शहीद भागीरथ सिंह वर्ष 2012 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. वह अपने पीछे तीन छोटे-छोटे बच्चे, जिनमें 4 साल का बेटा विनय, 3 साल की बेटी शालिनी और 4 माह की बेटी मालिनी को पीछे छोड़ गए.
उनके परिवार को अपने बेटे की शहादत पर गर्व है, तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन से उन्हें काफी शिकायत भी है. शहीद के भाई बलवीर सिंह ने बताया कि उनके भाई की शहादत के बाद सरकार और प्रशासन ने काफी बड़े-बड़े वादे किए थे, जिनमें से अधिकतर वादे अभी पूरे नहीं हुए. शहीद के परिजनों ने सरकार और प्रशासन द्वारा किए गए वादों को दोहराते हुए जिला प्रशासन से किसी सड़क, हॉस्पिटल या स्कूल का नाम शहीद भागीरथ सिंह के नाम पर रखने की मांग की है.
रेनवाल में दी गई पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि
जयपुर के रेनवाल में शुक्रवार को पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. बता दें कि 14 फरवरी, 2019 का वो काला दिन जब अपने जवानों की शहादत पर पूरे देश की आंखों में आंसू थे. दोपहर के 3:30 बजे रहे थे, जब आतंकियों ने वीर जवानों के काफिले पर हमला कर दिया था, जिसमें देश के 40 जवानों ने अपनी शहादत दी थी.
पुलवामा का आतंकी हमले की बरसी पर प्रदेश भर में शहीदों को श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सर्वप्रथम शहीदों की प्रतिमा के समक्ष दो मिनिट का मौन रखा गया. सभी छात्र - छात्राओं, अध्यापकों के द्वारा मोमबत्ती जलाकर और पुष्प श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर युवाओं ने भारत माता के जयकारे लगाये तथा देश भक्ति गानों के साथ जुलूस निकाला तथा आजादी में बलिदान देने वाले शहीदों की सजीव झांकीया भी निकाली गई.
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इस मौके पर युवाओं का कहना था कि एक साल पहले आज ही के दिन हमारे वीर जवान शहीद हुए थे. हम अपने बहादुर सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, जिन्होंने इसी दिन पुलवामा में आतंकवादियों के हमले में अपनी जान गंवा दी थी.