धौलपुर. जिले के कुछ इलाकों में शनिवार शाम को हुई झमाझम बारिश से आमजन को उमस भरी गर्मी से बड़ी राहत मिली है. खरीफ फसल के लिए बारिश का होना काफी लाभकारी माना जा रहा है. जिन किसानों की खरीफ फसल की बुवाई छूट गई थी वह अब इसे कर सकेंगे. जिन किसानों की खड़ी फसल खेतों में मुरझा रही थी, उनके लिए बारिश अमृत मानी जा रही है.
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गौरतलब है कि पिछले लंबे समय से बारिश नहीं होने से आमजन के साथ जिले के किसान काफी परेशान दिखाई दे रहे थे. उमस भरी गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया था. आमजन के साथ पशु पक्षी और वन्यजीवों पर भी असर देखा जा रहा था. किसानों की दृष्टि से बारिश का होना काफी लाभकारी माना जा रहा है.
15 जून से 15 जुलाई तक बरसाती फसल का सीजन बुवाई का रहता है. पूर्व में हुई बारिश से जिले के कुछ इलाकों में खरीफ फसल की बुवाई हो चुकी थी, लेकिन बाड़ी, सरमथुरा, बसेड़ी और सैपऊ उपखंड इलाके के कुछ क्षेत्रों के किसान बारिश नहीं होने से बुवाई से वंचित रह गए थे. ऐसे में उन किसानों के लिए बारिश का होना अमृत के समान माना जा रहा है. उसके साथ ही पूर्व में कुछ किसान बुवाई कर चुके थे.
जिनकी बाजरा, दलहन, तिलहन, मक्का, ग्वार की फसलें खेतों में खड़ी थी लेकिन बारिश नहीं होने से वह फसलें खेतों में ही मुरझा रही थी. शनिवार को जब बारिश हुई तो किसानों को बड़ी राहत मिली.
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किसानों ने बताया की बारिश अभी फसल की दृष्टि से नाकाफी है. फसल को पकाव तक पहुंचाने के लिए बारिश का लगातार होना बहुत जरूरी है, अन्यथा किसानों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है. मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वी राजस्थान में मानसून का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में आगे आने वाले दिनों में बारिश होने की अच्छी संभावना दिखाई दे रही है.