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धौलपुर: सांसद मनोज राजोरिया ने सरकारी अस्पतालों का किया निरीक्षण

करौली-धौलपुर सांसद मनोज राजोरिया 4 दिनों के धौलपुर दौरे पर हैं. इस दौरान रविवार को दौरे के दूसरे दिन उन्होंने बसई नवाब एवं सैपऊ के राजकीय अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया और व्यवस्थाएं जांची.

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सांसद मनोज राजोरिया ने सरकारी अस्पतालों का किया निरीक्षण

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Published : May 30, 2021, 5:49 PM IST

धौलपुर. चार दिवसीय दौरे पर धौलपुर पहुंचे करौली-धौलपुर सांसद मनोज राजोरिया ने रविवार को बसई नवाब एवं सैपऊ राजकीय चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान सांसद राजोरिया में चिकित्सा एवं स्वास्थ्यकर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. कोरोना के हालातों में सांसद ने पर्याप्त मेडिसन उपकरण और ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

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सांसद ने दोनों अस्पतालों में आउटडोर, दवा वितरण केंद्र, लैब, ओपीडी, स्टोर रूम, प्रसूति वार्ड एवं कोविड सेंटर का जायजा लिया. बाथरूम एवं शौचालय में गंदगी पाए जाने पर सैपऊ सीएससी प्रभारी को सफाई व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए गए. उन्होंने कहा कोरोना की तीसरी लहर को लेकर हालातों का जायजा लिया जा रहा है. उन्होंने बताया वर्तमान स्थिति को देखते हुए 104 एंबुलेंस की समस्या देखी गई है. जिसकी जिला कलेक्टर से वार्ता कर समस्या का निदान किया जाएगा. मनोज राजोरिया ने बताया कि चिकित्सा से संबंधित अन्य समस्याओं को लेकर विभागीय अधिकारियों से वार्ता की जाएगी.

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कोरोना ने उजाड़ दिया परिवार

मध्यप्रदेश के रतलाम की रहने वाली 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला लक्ष्मीबाई का भरा पूरा परिवार था. बेटा, बहू, पोते के अलावा एक बेटी भी थी. कोरोना संक्रमण के कारण एक-एक करके सब खत्म हो गए. ऐसे में वह बदहवास सी हो गई है. अपनी आंखों के सामने पूरे परिवार को दम तोड़ते देख उसका मानसिक संतुलन भी बिगड़ गया है. परिवार के अन्य सदस्यों ने भी उससे काफी दूरी बना ली थी. अब वह इस कदर टूट गई है कि जीना भी नहीं चाह रही.

ट्रेन में बैठकर बुजुर्ग महिला रामदेवरा पहुंच गई है. राम सरोवर तालाब घाट के पास पेड़ के नीचे अपना बोरिया बिस्तर रख कर वह भूखी-प्यासे बैठी है. दुख को साझा करते हुए कहा कि अब इतने दर्द व दुख सहन करते करते थक चुकी हूं. उसका आखिरी सहारा बाबा रामदेवरा हैं. इसलिए रतलाम से रामदेवरा आई है. महिला प्रार्थना कर रही है कि बाबा अपने इस पावन स्थान पर उसे मोक्ष प्रदान कर करें. उसकी दुख भरी व्यथा सुनकर लोगों का दर्द भी छलक उठ रहा है.

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