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धौलपुर : मंदिरों में जन्माष्टमी की तैयारी...राधा बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक

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Published : Aug 12, 2020, 4:46 PM IST

धौलपुर में कृष्ण जन्माष्टमी का उल्लास छाया हुआ है. मंदिरों और घरों में कान्हा के स्वागत की तैयारी जोरों पर है. बुधवार की मध्यरात्रि घर-घर में लड्डू गोपाल जन्म लेंगे. ऐसे में इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए प्रशासन ने मंदिरों में श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगाई है.

राधा बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं पर रोक, Ban on devotees in Radha Bihari temple
राधा बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं पर रोक

धौलपुर. जिले में बुधवार को परमपिता परमात्मा योगेश्वर कृष्ण भगवान करा प्राकट्य महोत्सव घर-घर में मनाया जा रहा है. शहर के प्रतिष्ठित ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड और राधा बिहारी मंदिर में कोरोना महामारी को देखते हुए श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगाई गई है. शहर के दोनों प्रतिष्ठित मंदिरों समेत जिले के अन्य सभी मंदिरों पर सिर्फ पुजारी और मंदिर स्टाफ द्वारा ही जन्माष्टमी त्योहार को सेलिब्रेट किया जाएगा.

राधा बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं पर रोक

उसके अलावा शहर के सनातन धर्म के सभी श्रद्धालु भगवान कृष्ण के जन्म दिवस को घरों में रहकर ही आस्था पूर्वक मनाएंगे. बुधवार रात 12:00 बजे रोहिणी नक्षत्र में परमपिता परमात्मा योगेश्वर श्रीकृष्ण भगवान का प्राकट्य होगा.

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शहर के सभी मंदिरों पर भगवान के प्राकट्य महोत्सव को लेकर सजाए गए है. भगवान कृष्ण को पंचामृत में स्नान कराकर और श्रृंगार कर नई पोशाक पहनाई गई है. कोरोना महामारी के दौर में आए जन्माष्टमी त्योहार को लेकर भी श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है.

मंदिरों में श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक

गौरतलब है कि बुधवार को ठीक 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में परमपिता परमात्मा योगेश्वर कृष्ण भगवान का प्राकट्य होगा. शहर के प्रतिष्ठित ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड और राधा बिहारी मंदिर पर भगवान के जन्म को लेकर फूल बंगला और झांकियां सजाई है.

बुधवार रात्रि जन्म लेंगे कान्हा

भगवान का पंचामृत से स्नान कराकर बेशकीमती पोशाक पहनाई गई है. माखन चोर के जन्मदिवस को सेलिब्रेट करने के लिए सनातन धर्म के लोगों में भारी उत्साह देखा जा रहा है. आस्थावादी लोगों ने व्रत उपवास भगवान को प्रसन्न करने के लिए रखे हैं.

फुलों से सजा कान्हा का मंदिर

सनातन धर्म के महिला-पुरुष युवक, युवतियां और बच्चों में भारी उमंग और उत्साह बना हुआ है. जिले के सभी प्रतिष्ठित मंदिरों पर सिर्फ पुजारी द्वारा ही कान्हा के जन्म दिवस की रस्म अदा की जाएगी. भगवान की आरती उतारकर प्रसादी लगाई जाएगी. कोरोना बीमारी के कारण इस बार शहर से निकलने वाली पालकी पर प्रतिबंध लगाया है.

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उधर जिला प्रशासन ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण के प्राकट्य महोत्सव को घरों में रहकर ही सेलिब्रेट करें. कोविड-19 संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में लोग अकारण और अनावश्यक रूप से घरों से बाहर नहीं निकले. भगवान कृष्ण के जन्म दिवस को घरों में रहकर अपने अपने परिवारों के साथ ही आस्था पूर्वक मनाएं.

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