धौलपुर. जिले में सरकारी कर्मचारी गरीब बन कर गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं. इसके साथ ही कर्मचारी खाद्य सुरक्षा का लाभ लेकर हर महीने फ्री में गरीबों के हक का राशन भी उठा रहे हैं. खाद्य सुरक्षा सूची में 1 हजार 320 सरकारी कर्मचारी अपात्र होने के बाद भी खाद्य सुरक्षा का लाभ ले रहे हैं. जिनके पास मकान और महंगी कारें भी हैं. कलेक्टर के निर्देशन में अब खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ ले चुके कर्मचारियों से रिकवरी की जाएगी. जिसे लेकर प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है.
सरकारी कर्मचारियों ने खाद्य सुरक्षा योजना में गरीबों के हक का राशन डकारा जिला प्रशासन ने अब खाद्य सूची में जुड़े अपात्र लोगों का सर्वे शुरू करवा दिया है और जल्द ही ऐसे लोगों के नाम सूची से काटे जाएंगे. साथ ही उनसे लिए गए गेहूं, दाल और चने के मूल्यों की वसूली की जाएगी. देखा जाए तो एक तरफ जहां गरीब तबके के लोग खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने के लिए रसद विभाग और नगर पालिकाओं के चक्कर लगाने के बाद भी नाम नहीं जुड़वा पा रहे हैं, तो वहीं कई सरकारी कर्मचारी हर महीने गरीबों को फ्री में मिलने वाला गेहूं, दाल और चना उठा रहे हैं.
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जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि सरकारी कर्मचारी जो खाद्य सुरक्षा का गैर कानूनी रूप से लाभ उठा रहे हैं उनका सघन अभियान चलाकर चिन्हिकरण कर रिकवरी वसूली किए जाने की कार्रवाई के निर्देश दिए है. उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा सूची में 1,320 ऐसे सरकारी कर्मचारी हैं जिन्होंने गरीबों का निवाला डकारा है.
उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी वाले इन लोगों की वजह से असल में जरूरतमंद गरीबों तक लाभ नहीं पहुंच पाया. ये ऐसे परिवार हैं जिन्होंने सरकारी नौकरी के बाद भी गरीबों की सहायता के लिए दिए जानी वाली राहत सामग्री, अनाज का गैरवाजिब लाभ उठाया. सरकारी कर्मचारियों की ओर से इस प्रकार अनुचित लाभ उठाए जाने का पता लगने के बाद ऐसे सभी लोगों के नाम एनएफएसए (NFSA) से हटा दिए गए हैं. उनसे नियमानुसार वसूली की कार्रवाई के लिए अब अलग से आदेश दिए गए हैं.
वहीं, नोटिस के माध्यम से वसूल की जाने वाली राशि समय पर जमा नहीं करने पर सम्बंधित कार्मिक के विभाग को वसूली के लिए प्रस्ताव भिजवाए जाएंगे और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा. साथ ही वसूली जाने वाली राशि वेतन से काटी जाएगी.
जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले में सघन अभियान चलाकर सरकारी कर्मचारियों का चिन्हिकरण करने के लिए नगर पालिका और उपखण्ड स्तर पर सर्वे करवाया गया है. जिसमें चिन्हित सरकारी कर्मचारी जो खाद्य सुरक्षा का गैरतन लाभ उठा रहे हैं उनसे रिकवरी राशि वसूली किए जाने के सम्बन्ध में निर्देश दिए गए हैं.
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उन्होंने बताया कि अब तक सरकारी कर्मचारियों से करीब 15 लाख रुपए की रिकवरी राशि वसूल की जा चुकी है. शेष कर्मचारियों से शीघ्र ही रिकवरी की राशि वसूली जाएगी. इस सम्बंध में वसूल की जाने वाली रिकवरी राशि की प्रक्रिया को तीव्र करने के निर्देश दिए हैं.