धौलपुर. भाजपा के पूर्व विधायक सुखराम कोली ने कहा कि 25 अप्रैल 2021 को उनके पैतृक गांव सलेमपुर में हनुमान जी मंदिर पर शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा और रामायण पाठ का आयोजन हो रहा था. कार्यक्रम के दौरान सौ से ढेड़ सौ श्रद्धालुओं की भीड़ प्रसाद ले रही थी. उन्होंने कहा कि श्रद्धालु पूरी तरह से कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए सोशल डिस्टेंस बनाए हुए थे, लेकिन इसी दौरान पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत पुलिस टीम को साथ लेकर गांव पहुंच गए.
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी और अशोक गहलोत सरकार को डेढ़ सौ श्रद्धालुओं की भीड़ तो भारी तादाद में दिख गई, लेकिन राजस्थान सरकार की नाक के नीचे उनके ही कैबिनेट मंत्री साले मोहम्मद के पिता गाजी फकीर के निधन पर हजारों की तादाद में लोगों का काफिला जमा हुआ. वह सरकार को दिखाई नहीं दिया. उन्होंने कहा कि विधायक की शादी में हजारों की भीड़ जमा होती है, उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाता. प्रशासन ने किस प्रकार से धार्मिक आयोजन पर नंगा नाच किया है. वह जो भी हिंदू संस्कृति में आस्था रखता है उसके लिए निंदनीय है.
पूर्व विधायक ने कहा कि स्थानीय पुलिस उनको और उनके साथियों को अरेस्ट कर साथ ले गई. उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि श्रद्धालुओं के साथ अमानवीय कृत्य किया गया. मंदिर परिसर में पुलिसकर्मी के कर्मचारी जूते पहनकर घुसे थे. पुलिस और प्रशासन ने श्रद्धालुओं के प्रसाद को फेंक दिया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर कार्रवाई करनी थी, तो उनको सुखराम कोली पर करनी थी. सरकार संवेदनशील है तो कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद पर कार्रवाई करे. राज्य सरकार बीटीपी विधायक पर कार्रवाई करे, लेकिन अपने सरकार के नुमाइंदों पर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि उनका ताल्लुक बीजेपी पार्टी से है, इसलिए उन पर कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत सरकार ने उनके साथ भेदभाव किया है, जिसका आगे आने वाले वक्त में जनता जवाब देगी. जिस प्रकार से मंदिर की अवहेलना एवं आस्था के साथ खिलवाड़ की गई है, उसका न्याय भगवान श्रीराम देंगे. धार्मिक भावनाओं के साथ प्रशासन और सरकार द्वारा जो कृत्य किया है, उसका परिणाम भुगतना पड़ेगा.