धौलपुर. मौजूदा समय में जिले में रवि फसल की बुवाई का काम जोरों से चल रहा है. किसान सरसों, आलू, जौ और मटर की फसल की बुवाई कर चूके हैं. वहीं गेंहू फसल की बुवाई का काम जोरों से चल रहा है.
किसानों को रवि फसल के अच्छे पैदावार की उम्मीद 25 नबंबर तक गेंहू फसल की बुवाई की जायेगी. जो फसल खेतों में उगकर तैयार खड़ी है, उन्हें देखकर किसान काफी खुश और उत्साहित हैं. शुरुआती फसल के लक्षण को देखकर किसानों को आने वाले समय में अच्छी पैदावार की उम्मीद दिखाई दे रही है. हालांकि इसके लिए मौसम का साथ भी जरूरी है.
कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक रवि फसल के मौजूदा सीजन में सरसों फसल की बुवाई 67 हजार 4 सौ 79 हैक्टेयर की गई है, आलू की बुवाई 55 हजार 7 सौ 35 हैक्टेयर की गई है और गेंहू फसल का लक्ष्य 64 हजार से अधिक हैक्टेयर का रखा गया है, जिसमें किसान अधिकांश वुवाई कर चुका है.
सरसों और आलू की फसलें खेतों में तैयार खड़ी हैं. सरसों में किसान शुरूआती दौर में एक पानी लगा चुका है. इसके अलावा खाद और कीटनाशक भी उपयोग में की गई, जिससे सरसों की फसल के शुरुआती लक्षण काफी अच्छे दिखाई दे रहे हैं.
किसानों को उम्मीद है कि अगर मौसम का साथ अच्छा रहा तो सरसों में पैदावार काफी अच्छी हो सकती है. आलू फसल भी खेतों में दमदारी से अंकुरित हुई है. आलू में भी किसान शुरूआती पानी का उपयोग कर चुका है. लेकिन, अधिक सर्दी आलू फसल के लिए हानिकारक मानी जाती है.
इसके अलावा गेंहू फसल की बुवाई का काम जारी है. जिले में अधिकांश किसान गेंहू फसल की बुवाई को अंतिम रूप दे चुके हैं. लेट वैराइटी वाले फसलों की बुवाई करने किसान अभी लगे हुए हैं.
कृषि विभाग ने कहा, फसल की नब्ज को देखते रहे किसान
कृषि अधिकारी ने बताया कि मौजूदा सीजन रवि फसल का चल रहा है, जिसमे सरसों, आलू, मटर, जौ और गेंहू फसल की बुवाई की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि सरसों और आलू की फसल काफी नाजुक मानी जाती है. खासकर सरसों फसल में अधिक सर्दी से फंगी साइड और सफ़ेद रोली रोग की सम्भवना रहती है, जिससे फसल के उत्पादन में गिरावट आती है.
वहीं, आलू फसल में भी अधिक सर्दी और पाले से नुकसान की सम्भावना बनी रहती है. आलू फसल में प्रमुख रूप से झुलसा रोग प्रवेश करता है, जिससे फसल गलकर नष्ट हो जाती है. फसल के रख-रखाव और संरक्षण के लिए किसान फसल की नब्ज को देखते रहें. समय-समय पर खेती का उपचार करें.
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फसल में जहां रोग की सम्भावना दिखाई दे वहां कृषि विभाग से जानकारी लेकर दवाओं का प्रयोग करें, जिससे खेती को नुकसान से बचाया जा सके. बहरहाल, आपदाओं की वजह से किसानों के लिए खेती लंबे समय से घाटे का सौदा बनी हुई है. लेकिन, फसल के शुरूआती रुख को देखकर किसानों को अच्छी पैदावार की उम्मीद है.