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धौलपुर में सभी विभागों के कर्मचारियों ने मनाया अधिकार दिवस, प्रदर्शन कर रखी अपनी मांगें - कर्मचारियों का प्रदर्शन

धौलपुर में सभी विभागों के कर्मचारियों ने शुक्रवार को अधिकार दिवस मनाया. इस दौरान कलेक्ट्रेट के सामने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गया. साथ ही कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भेजकर विभिन्न मांग रखी.

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धौलपुर में सभी विभागों के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

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Published : Aug 14, 2020, 5:16 PM IST

धौलपुर.जिले के सभी विभागों के कर्मचारियों ने शुक्रवार को लामबंद होकर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए अधिकार दिवस मनाया. जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भेजकर कर्मचारियों ने विभिन्न मांग रखी. इस दौरान कलेक्ट्रेट के सामने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन भी किया गया. कर्मचारियों ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए मांगें नहीं माने जाने पर उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है.

धौलपुर में सभी विभागों के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

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कर्मचारी संघ के जोनल प्रेसिडेंट पुरुषोत्तम कुंभज ने बताया कि 1 जनवरी 2020 से रोकी गई महंगाई भत्ते की सभी किस्तों को सरकार को फिर से लागू करना चाहिए. सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर नई को बहाल किया है, जिससे कर्मचारी वर्ग को भारी नुकसान हो रहा है. मौजूदा वक्त में कुछ कर्मचारी संविदा के तहत लगे हुए हैं, जिन्हें राज्य और केंद्र सरकार को स्थाई करना चाहिए. उसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न स्कीमों और प्रोग्रामों में कार्यरत पब्लिक सर्विस कर्मचारियों (आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर्स और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारी आदि) को नियमित करना चाहिए.

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कर्मचारी संघ के जोनल प्रेसिडेंट ने कहा कि केंद्र सरकार को एक राष्ट्र एक संविधान की भावना के अनुरूप राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन करना चाहिए, जिससे देशभर के विभिन्न भागों में काम करने वाले कर्मचारियों को एक जैसे वेतन और भत्ते सुनिश्चित किए जा सकें. साथ ही केंद्र सरकार को हर प्रकार के निजीकरण को खत्म कर सरकारी क्षेत्र को मजबूत करना चाहिए. उसके अलावा कर्मचारियों के लिए राजनीतिक गतिविधियों में भी हिस्सेदारी होनी चाहिए, जिससे कर्मचारी भी चुनाव लड़ सकें. इस दौरान कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी मांगों पर गंभीर होकर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो कर्मचारी आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.

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