धौलपुर. उत्तर प्रदेश के फिजिशियन डॉ. सुभाष चंद्र गुप्ता ने धौलपुर पहुंच डेंगू बुखार को लेकर आमजन को बड़े सुझाव दिए हैं. डॉ. चंद्र ने डेंगू बुखार को जानलेवा नहीं होने की बात बताते हुए एहतियात के उपाय बताए हैं. साथ ही कहा कि डेंगू पेशेंट को घबराना नहीं चाहिए. प्लेटलेट्स कम होने पर भी इसका उपचार संभव है. डेंगू संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है. मरीज का उपचार विशेषज्ञ चिकित्सक से करवाया जाए तो रिकवरी बहुत जल्दी होती है. साथ ही वरिष्ठ फिजीशियन ने नीम हकीम और झोलाछाप चिकित्सकों से आमजन को बचने की सलाह दी है.
धौलपुर दौरे पर पहुंचे मशहूर चिकित्सक डॉक्टर सुभाष चंद्र गुप्ता ने कहा कि बरसाती सीजन खत्म होने के बाद मौसमी बीमारियों ने दस्तक दी है. जिसमें सबसे प्रमुख डेंगू बुखार का असर देखा जा रहा है. उन्होंने कहा डेंगू बुखार जानलेवा नहीं होता है. विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेकर तुरंत उपचार लेने पर मरीज की बहुत जल्दी रिकवरी होती है.
डेंगू बुखार के लक्षण
डेंगू बुखार के प्रमुख लक्षणों में बुखार आना, सिर में दर्द होना, हाथ पैरों में टूटन होना इसके प्रमुख लक्षण हैं. उन्होंने कहा डेंगू बुखार मच्छर के काटने से होता है. प्रत्येक घर में उपयोगी और आसपास पानी में डीजल का छिड़काव हो तो इसके लार्वा को नष्ट किया जा सकता है. डेंगू संक्रमण इंसान से इंसान को नहीं होता है. उन्होंने कहा डेंगू संक्रमण के दौरान पहले 4 से 5 दिन तक तेज बुखार आता है. हाथ पैरों में टूटन होने के साथ सिर में भी दर्द होता है. 4 से 5 दिन के बाद बुखार खत्म होने के पश्चात इसके सिम्टम्स दिखाई देने लगते हैं.
तीन प्रकार का होता है डेंगू
उन्होंने बताया कि पहले लक्षण के दौरान खून गाढ़ा हो जाता है. खून का पानी होने पर पेट और फेफड़ों में भर जाता है, जिससे सांस लेने में मरीज को तकलीफ होती है. दूसरा लक्षण मरीज का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और पानी लीक होकर फेफड़ों में प्रवेश करता है.