धौलपुर.इलाके में लगातार हुई बारिश से जिले का सबसे बड़ा अंगाई डैम (Angai Dam) भराव क्षमता के नजदीक पहुंच गया है. अंगाई डैम का भरना किसानों और सरमथुरा-बाड़ी उपखंड के लोगों के लिए राहत की खबर है.
जिले की लगभग 70% सिंचाई अंगाई डैम पर निर्भर रहती है. हालांकि भराव क्षमता 223.50 मीटर है, जबकि बांध का जल स्तर 221.30 मीटर पहुंच चुका है. लेकिन पानी की आवक करौली, मंडरायल और डांग क्षेत्र से होने पर आगामी दो दिनों में बांध भराव क्षमता तक पहुंचने की संभावना है.
धौलपुर के अंगाई डैम की 'झोली' भरी जिले का एकमात्र सबसे बड़ा अंगाई बांध कई साल बाद भराव क्षमता के नजदीक पहुंचा है. इस बांध में पानी होने का फायदा दो जिलों को मिलता है. संभाग में लगातार हो रही बारिश के कारण कई तालाब भर चुके हैं. कई एनीकट भी उफान पर हैं. उर्मिला सागर एवं राम सागर बांध में भी 70% तक पानी की आवक हो चुकी है. सबसे बड़ी बात ये है कि कई साल से अंगाई डैम खाली पड़ा था. अब यह भरने के कगार पर है.
अंगाई डैम में अंदर करौली जिले का पानी प्रवेश करता है. इसके अलावा मंडरायल कालीसिल नदी और डांग क्षेत्र का बरसाती पानी भी बांध को भराव क्षमता के नजदीक ले जाता है.
पढ़ें- भीलवाड़ा में बारिश का दौर जारी, घरों में घुसा पानी...लोग हो रहे परेशान
हर घंटे गेज को किया जा रहा मेंटेन
सिंचाई विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक 222.41 मीटर तक डैम का जलस्तर होने पर पानी रिलीज किया जाएगा. डैम के गेज को मेंटेन करने के लिए सिंचाई विभाग ने टीम गठित की है. ये टीम हर घंटे गेज की नब्ज देखकर उच्च अधिकारियों को अवगत करा रही है. मंडरायल, करौली, नादनपुर ,बथुआ खोह एवं डांग क्षेत्र से लगातार पानी की आवक जारी है. संभावना है कि दो दिन में बांध भर जाएगा.
राम सागर एवं उर्मिला सागर बांध में भी पानी की आवक जारी
धौलपुर जिले (Dholpur) के राम सागर एवं और उर्मिला सागर बांध में भी बरसाती पानी की आवक लगातार जारी है. दोनों बांध में 70% तक पानी की आवक हो चुकी है. पार्वती नदी में स्थापित किए गए एनीकट भी लबालब हो चुके हैं. उसके अलावा खरेर नदी एवं शेरनी नदी पर भी पानी की चादर चल चुकी है. तालाब, नदियां एवं एनीकट बारिश से लबालब होने पर किसानों को बड़ी राहत मिलेगी. जिले का 70 फीसदी किसान बरसाती पानी की सिंचाई पर निर्भर रहता है. बाड़ी, बसेड़ी एवं सरमथुरा अपने इलाके में ग्रामीणों को पेयजल सप्लाई भी की जाती है.
मौसम विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक पूर्वी राजस्थान में मानसून का भारी दबाव देखा जा रहा है. आसमान में बादलों की घनघोर घटाएं देखी जा रही हैं. लिहाजा आगे आने वाले दिनों में अधिक बारिश की संभावना दिखाई दे रही है.